जयपुर. उदयपुर के हितेंद्र गरासिया की मौत 6 महीने पहले रूस में हुई. पिता की मौत 6 महीने पहले हो गई, लेकिन उनकी बेटी उर्वशी गरासिया परिवार के साथ मिलकर लगातार अपने पिता का शव वापस हिंदुस्तान लाने के लिए प्रयास कर रही है. तमाम प्रयासों के बावजूद उसे कामयाबी नहीं मिल पा रही है. ऐसे में अब उदयपुर की उर्वशी गरासिया ने उत्तर प्रदेश में 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' का नारा देने वाली प्रियंका गांधी से मिलकर अपने पिता का शव को वापस लाने की गुहार लगाई है.
अब मामला क्योंकि दूसरे देश से जुड़ा है, ऐसे में सहायता भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार (Hitendra Garasiya Case) ही कर सकती है. वहीं, अब प्रियंका गांधी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर (Priyanka Gandhi Wrote a Letter to PM Narendra Modi) पीड़ित परिवार को न्याय दिलवाने की गुहार की है.
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प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि हितेंद्र गरासिया जो रूस में काम करते थे, 17 जुलाई 2021 को रूस में उनकी मौत हुई. 6 महीने से उनका परिवार उनके शव को भारत लाने की मांग कर रहा है और उनकी बेटी ने बहुत हिम्मत कर आपके कार्यालय पर भी गुहार लगाई. लेकिन इस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.
प्रियंका गांधी ने PM मोदी को लिखा पत्र... मानवीय संवेदना से जुड़े इस गंभीर विषय को संज्ञान में लेकर स्वर्गीय हितेंद्र गरासिया की पार्थीव देह को सम्मानजनक अंतिम संस्कार के लिए (Priyanka Gandhi on Udaipur Hitendra Garasiya Case) पीड़ित परिवार के पास पहुंचाना सुनिश्चित करवाएं. मानवता के नाते एवं भारत के नागरिक होने के नाते स्वर्गीय हितेंद्र सिंह के परिवार को उनके सम्मानजनक अंतिम संस्कार का हक मिलना जरूरी है.
3 दिसंबर को ही शव दफना दिया, 4 जनवरी तक हाईकोर्ट तक में झूठ बोलती रही सरकार...
22 जनवरी कोदिल्ली मेंप्रदर्शन के दौरानउर्वशी ने कहा कि उनके पिता के शव को सुनियोजित साजिश के तहत 3 दिसंबर को ही रूस में दफना दिया गया था. लेकिन भारत सरकार ने राजस्थान हाईकोर्ट में 15 दिसंबर, 2021 को जवाब दिया कि हितेंद्र का शव रूस की जांच एजेंसी के पास रखा हुआ है और अभी एफएसएल जांच पूरी नहीं हुई है.
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हाईकोर्ट ने जब रूस की सरकार को भी नोटिस जारी कर दिया और भारत सरकार पर मेरे पिता के शव को रूस में दफनाने पर सहमति देने पर रोक लगा दी, तब जाकर सरकार ने खुलासा किया कि शव तो रूस में 3 दिसम्बर को ही दफना दिया गया. 12 जनवरी को भी भारत सरकार ने हाईकोर्ट में कहा था कि दो या तीन दिन में शव आ जाएगा, लेकिन आज तक उसके पिता का शव भारत नहीं लाया गया है.