जयपुर. आमतौर पर बॉडी बिल्डिंग को पुरुष वर्चस्व वाला खेल माना जाता है, लेकिन जयपुर की प्रिया सिंह ने इसे गलत साबित किया और राजस्थान की पहली महिला बॉडी बिल्डर का खिताब अपने नाम किया और आज वह अन्य लोगों के लिए एक मिसाल बनी हुई है.
प्रिया सिंह ने पहले एक जिम इंस्ट्रक्टर थी, लेकिन जब उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय महिला बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में जाने का अवसर मिला, तो उन्होंने देखा कि विदेशों में महिलाएं भी बॉडी बिल्डिंग का क्षेत्र अपना रही है और साल 2018 से उन्होंने इस क्षेत्र में आने की ठानी और महज 2 साल में ही उन्होंने राजस्थान की पहली महिला बॉडी बिल्डर होने का खिताब भी जीत लिया. यही नहीं प्रिया सिंह ने वर्ष 2019 में मिस राजस्थान और वुमन फिगर 2019 का खिताब भी अपने नाम किया है.
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राज्य स्तर पर तो प्रिया सिंह ने काफी खिताब जीते हैं, लेकिन अब उनका सपना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतना है. उन्होंने कहा कि सबसे पहले वह राष्ट्रीय स्तर पर बॉडी बिल्डिंग में प्रदेश के लिए मेडल लाना चाहती है और उसको लेकर वह तैयारी भी कर रही हैं. पिछली बार नेशनल चैंपियनशिप में प्रिया सिंह टॉप 20 वुमन बॉडी बिल्डर्स में सेलेक्ट हुई थी और नेशनल चैंपियनशिप के लिए प्रिया ने तैयारियां की शुरू कर दी है.
जयपुर की बॉडी बिल्डर प्रिया सिंह महिलाओं के लिए आसान नहीं यह क्षेत्र
प्रिया सिंह ने कहा, कि बॉडी बिल्डिंग आज भी पुरुषों के वर्चस्व वाला खेल है और महिलाओं के लिए इस में एंट्री करना अभी भी आसान नहीं है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में आज भी कई स्थानों पर पर्दा प्रथा चल रही है, तो ऐसे में घूंघट से निकलकर बॉडी बिल्डिंग के मंच पर चढ़ना, एक महिला के लिए काफी मुश्किल सफल होता है. लेकिन अगर तय कर लिया जाए, तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है.
ईटीवी भारत से बातचीत करती प्रिया यह भी पढ़ें- भारत खो रहा है अपने दोस्त? विदेश मंत्री बोले- अब होगी सच्चे दोस्त की पहचान
घूंघट से बिकिनी तक का सफर
प्रिया सिंह ने बताया कि उनका घूंघट से बिकनी तक का सफर काफी लंबा रहा, क्योंकि अगर आपने बॉडीबिल्डिंग को प्रोफेशन बनाया है, तो आपको कॉस्ट्यूम तो पहनना ही पड़ेगा. क्योंकि साड़ी या सूट में आप अपने मसल्स नहीं दिखा सकते. उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के कॉस्ट्यूम सिर्फ आपको कुछ मिनट के लिए ही पहनने होते हैं. अपने इस प्रोफेशन के चलते ही प्रिया सिंह को महिलाओं से जुड़े कई अवार्ड भी मिल चुके हैं. जिसमें गौरव राजधानी अवार्ड और नारी इंपैक्ट अवार्ड शामिल है.
महिलाओं को बनना चाहिए आत्मनिर्भर
हर दिन महिलाओं के प्रति क्राइम लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में प्रिया सिंह का कहना है कि अगर महिला आत्मनिर्भर बने, तो वे क्राइम रोक सकती हैं. उन्होंने कहा कि अगर पुरुषों के हाथ में महिलाओं के प्रति क्राइम रोकना संभव होता, तो रुक चुका होता. लेकिन अब महिलाओं को ही आत्मनिर्भर बनना होगा और अपने विरुद्ध हो रहे अत्याचारों को रोकना होगा.