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प्राइवेट फर्म करेगी अब टैक्स वसूली, निगम की राजस्व टीम रखेगी निगरानी - rajasthan news

जयपुर के दोनों नगर निगमों में अब से प्राइवेट फर्म नगरीय विकास कर और होर्डिंग टैक्स की वसूली करेगी. बुधवार को निगम सभासद भवन में दो यूडी टैक्स बकाएदारों से वसूली के साथ प्राइवेट फर्म ने काम शुरू किया. इस एवज में निगम फर्म को वसूली का 9.95 फ़ीसदी भुगतान करेगा. बीते 5 सालों के औसत 64 करोड़ वसूली की तुलना में निगम ने फर्म से बड़ी अपेक्षा जताई है.

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नगरीय विकास कर वसूली की वसूली करेगी प्राइवेट फर्म

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Published : Oct 7, 2020, 9:49 PM IST

जयपुर. शहर में नया सर्वे और नगरीय विकास कर की वसूली अब से प्राइवेट फर्म करेगी. नगर निगम प्रशासन ने कंपनी को इस वित्तीय वर्ष में 80 करोड़ रुपए वसूलने का टारगेट दिया है और अगले साल से असेसमेंट का 75% वसूल करना होगा. इस एवज में निगम फर्म को वसूली का 9.95 फ़ीसदी भुगतान करेगा. बीते 5 सालों के औसत 64 करोड़ वसूली की तुलना में निगम ने फर्म से बड़ी अपेक्षा जताई है.

नगरीय विकास कर वसूली की वसूली करेगी प्राइवेट फर्म

आर्थिक तंगी से जूझ रहा जयपुर नगर निगम प्रशासन अपने राजस्व अधिकारियों पर निर्भर नहीं रहेगा. शहर के दोनों निगमों में प्राइवेट फर्म नगरीय विकास कर और होर्डिंग टैक्स की वसूली करेगी. आज निगम सभासद भवन में दो यूडी टैक्स बकायेदारों से वसूली के साथ प्राइवेट फर्म ने काम शुरू किया.

इस दौरान कार्यशाला के माध्यम से रेवेन्यू टीम और प्राइवेट फर्म के बीच सामंजस्य और प्राइवेट फर्म से काम कराने पर होने वाले फायदे गिनाए गए. इस संबंध में ग्रेटर नगर निगम कमिश्नर दिनेश यादव ने बताया कि बीते साल 73.94 करोड़ यूडी टैक्स वसूल किया गया. हालांकि इसमें 2019-20 के महज 33 करोड़, जबकि करीब 40 करोड़ 2007 से अब तक का एरियल शामिल था. जो आगामी सालों में नहीं मिलने वाला, लेकिन इससे कहीं ज्यादा टारगेट प्राइवेट फर्म को दिया गया है.

बीते 5 सालों के औसत 64 करोड़ वसूली की तुलना में निगम ने प्राइवेट फर्म को 2020-21 का टारगेट 80 करोड़, जबकि इसके बाद आगामी 5 साल एसेसमेंट का 75 फ़ीसदी वसूलने का टारगेट दिया गया है. निगम ने यूडी टैक्स के साथ-साथ प्राइवेट होर्डिंग से वसूली का जिम्मा भी फर्म को दिया है. इसके एवज में निगम फर्म को वसूली का 9.95 फ़ीसदी भुगतान करेगा. ये पूरा काम ऑनलाइन होगा ऐसे में पारदर्शिता भी बनी रहेगी.

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उन्होंने बताया कि पिछली बार 2005 में हाउस टैक्स के नाते सर्वे कराया गया था. हाउस टैक्स समाप्त करने के बाद 2007 में नगरीय विकास कर लागू किया गया. बीते 15 साल से हाउस टैक्स सर्विस डाटा को ही यूडी टैक्स वसूलने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था, लेकिन बीते 15 सालों में संपत्तियों में काफी बदलाव हुए हैं.

जबकि निगम में कार्यरत 37 राजस्व अधिकारी, राजस्व निरीक्षक और एआरआई की जिम्मेदारी भी तय की है. विवादित मामलों और ऐसे लोग जो लंबे समय से यूडी टैक्स का भुगतान नहीं कर रहे, उनसे वसूली राजस्व शाखा ही करेगी. ऐसे में अब जयपुर के दोनों ग्रेटर और हेरिटेज नगर निगम के लिए राजस्व इकट्ठा करने की जिम्मेदारी राजस्व टीम के साथ साथ प्राइवेट फर्म की भी होगी. निगम के इस कदम से उन्हें कितना लाभ मिलता है, ये देखने वाली बात होगी.

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