राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

स्पेशल: Tax वसूली का जिम्मा Private फर्म को, पहले साल 80 करोड़ और आगे असेसमेंट का 75 प्रतिशत टारगेट

जयपुर शहर में नया सर्वे और नगरीय विकास कर वसूली के लिए नगर निगम प्रशासन ने प्राइवेट फर्म को ठेका दिया है. कंपनी को इस वित्तीय वर्ष में 80 करोड़ रुपए वसूलने का टारगेट दिया है और अगले वर्ष से असेसमेंट का 75 प्रतिशत वसूल करना होगा. इस एवज में निगम फर्म को वसूली का 9.95 फीसदी भुगतान करेगा. बीते 5 साल के औसत 64 करोड़ वसूली की तुलना में निगम ने फर्म से बड़ी अपेक्षा जताई है.

प्राइवेट फर्म  यूडी टैक्स  nagar nigam jaipur  tax target  jaipur news  etv bharat special news
नगर निगम में टैक्स वसूली निजी फर्म के जिम्मे

By

Published : Aug 12, 2020, 10:25 PM IST

जयपुर.आर्थिक तंगी से जूझ रहा जयपुर नगर निगम प्रशासन अपने राजस्व अधिकारियों पर निर्भर नहीं रहकर, अब प्राइवेट फर्म के साथ नगरीय विकास कर की वसूली करेगा. दरअसल, स्वायत्त शासन विभाग ने यूडी टैक्स में साल 2019 तक का एक मुश्त राशि जमा कराने पर ब्याज और शास्ति की राशि पर शत-प्रतिशत छूट दे रखी है. वहीं जिन प्रकरणों में 8 साल से पहले का नगरीय विकास कर बकाया है, उन प्रकरणों में एक मुश्त राशि जमा कराने पर उस अवधि के ब्याज पेनॉल्टी की छूट के साथ मूल बकाया में 50 प्रतिशत की छूट देय है.

नगर निगम में टैक्स वसूली निजी फर्म के जिम्मे

बीते वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार ने ये छूट के प्रावधान तय किए थे, जिसकी मियाद 30 सितंबर 2020 तक बढ़ा दी गई. इसी का फायदा नगर निगम को भी मिला, जिसके चलते बीते साल 73.94 करोड़ यूडी टैक्स वसूल किया गया. हालांकि इसमें साल 2019-20 के महज 33 करोड़, जबकि करीब 40 करोड़ साल 2007 से अब तक का एरियर शामिल था. जो आगामी साल में नहीं मिलने वाला. लेकिन इससे कहीं ज्यादा टारगेट प्राइवेट फर्म को दिया गया है.

टैक्स वसूली आंकड़ों पर एक नजर

यह भी पढ़ेंःजयपुरः हेरिटेज और ग्रेटर नगर निगम में खुलेंगे 20 इंदिरा रसोई

बीते 5 साल के औसत 64 करोड़ वसूली की तुलना में निगम ने प्राइवेट फर्म को साल 2020-21 का टारगेट 80 करोड़, जबकि इसके बाद आगामी 5 साल मूल्यांकन (Assessment) का 75 फीसदी वसूलने का टारगेट दिया गया है. निगम ने यूडी टैक्स के साथ-साथ प्राइवेट होर्डिंग से वसूली का जिम्मा भी फर्म को दिया है. इसके एवज में निगम फर्म को वसूली का 9.95 फीसदी भुगतान करेगा.

जानकारी के अनुसार पिछली बार साल 2005 में हाउस टैक्स के नाते सर्वे कराया गया था. हाउस टैक्स समाप्त करने के बाद साल 2007 में नगरीय विकास कर लागू किया गया और इसको वसूलने का आधार डीएलसी तय किया गया. बीते 15 साल से हाउस टैक्स सर्विस डेटा को ही यूडी टैक्स वसूलने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था. लेकिन बीते 15 साल में संपत्तियों में काफी बदलाव हुए हैं. ऐसे में दोबारा हाईटेक तरीके से सर्वे कराया जा रहा है और लक्ष्य छह लाख संपत्तियों का है.

यह भी पढ़ेंःयूडी टैक्स वसूली में लापरवाही बरतने वाले 11 अधिकारियों को नोटिस

बता दें कि निगम ने यहां कार्यरत राजस्व अधिकारी, राजस्व निरीक्षक, सहायक राजस्व निरीक्षक और कर निर्धारकों की जिम्मेदारी भी तय की है. विवादित मामलों और ऐसे लोग जो लंबे समय से यूडी टैक्स का भुगतान नहीं कर रहे, उनसे वसूली राजस्व शाखा ही करेगी. ऐसे में अब जयपुर के दोनों ग्रेटर और हेरिटेज नगर निगम के लिए राजस्व इकट्ठा करने की जिम्मेदारी राजस्व टीम के साथ साथ प्राइवेट फर्म की भी होगी. निगम के कदम से उन्हें कितना लाभ मिलता है, ये देखने वाली बात होगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details