राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

प्रदेशभर में बस ऑपरेटर्स का चक्का जाम...थमे 15 हजार बसों के पहिए

टैक्स कर में 500% तक की बढ़ोतरी के विरोध में राजस्थान प्राइवेट बस ऑपरेटर्स की ओर से एक दिवसीय चक्का जाम किया गया है. इस दौरान प्रदेश की 15 हजार से ज्यादा बसों के पहिए बुधवार को थम गए.

strike of private bus operators

By

Published : Jul 31, 2019, 2:56 PM IST

जयपुर. प्रदेश भर में प्राइवेट बस ऑपरेटर्स की ओर से बुधवार को एक दिवसीय चक्का जाम किया गया है. टैक्स कर में बढ़ोतरी को लेकर प्राइवेट बस ऑपरेटर्स सरकार से नाराज है.

इस दौरान प्रदेश में करीब 15 हजार बसों का परिवहन बुधवार को बंद है. दूरदराज जाने वाले यात्रियों को भी इस परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं ऑपरेटर्स का कहना है कि यदि सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

प्राइवेट बस ऑपरेटर्स का चक्का जाम

पढ़ें:सेना का भुतपूर्व जवान बता कर OLX पर युवक से की रॉयल इनफिल्ड मोटरसाइकिल सौदे में ठगी

कांग्रेस सरकार कि ओर से राजस्थान में बजट पेश करने के बाद से ही रोडवेज एसोसिएशन कि ओर से धरना दिया गया था. वहीं इस बार फिर प्राइवेट बस ऑपरेटर एसोसिएशन ने बसों को बंद कर एक दिवसीय चक्का जाम किया गया.

इस दौरान प्राइवेट बस एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल जैन ने बताया कि सरकार की ओर से जो 'कर' बढ़ाया गया है उसको लेकर यह प्रदेशव्यापी हड़ताल की जा रही है. अनिल जैन ने कहा कि हम सोच रहे थे कि कांग्रेस सरकार बस ऑपरेटर के प्रति पहले की तरह नरमी दिखाते हुए बजट पेश करेगी लेकिन इस बार सरकार उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी और उन्होंने टैक्स कर में 500% तक की बढ़ोतरी कर दी जिससे बस ऑपरेटर्स को काफी परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है और बसों को चलाने में भी काफी दिक्कतें आ रही है.

साथियों ने कहा कि ऐसे में अब बाहर से आने वाले यात्रियों को बस के किराए में काफी बढ़ोतरी मिलेगी और वह बसों में बैठना भी बंद कर देंगे जिससे यह परेशानी दिन पर दिन बढ़ती जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा की पहले भी सरकार ने 2013 में बस ऑपरेटर्स को छूट दी थी जिससे करीब 500 बसें नई खरीदी गई थी और सरकार की ओर से रोड टैक्स में भी राहत दी गई थी.

पढ़ें: प्रदेश में निजी बस संचालक जाएंगे हड़ताल पर

वहीं उन्होंने कहा कि आज हमारी मुख्य मांगे केवल बसों के टैक्स को लेकर है. यदि सरकार अब हमारी मांगों को नहीं मांगती है. तो यह एक दिवसीय धरना अनिश्चितकालीन धरने में भी बदल जाएगा और गहलोत सरकार को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ेगा.

बता दें कि इस प्रदेश व्यापी हड़ताल से करीब पूरे प्रदेश भर में 15 हजार से ज्यादा प्राइवेट बसें बंद है, जिससे रोडवेज बसों पर भी लगातार भार बढ़ रहा है. और आमजन को भी काफी परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details