जयपुर.धार्मिक स्थलों को खोलने को लेकर केंद्र सरकार की गाइडलाइन सामने आ गई है. लेकिन राजस्थान में कुछ नियम कायदों को लेकर अभी से सवाल उठने शुरू हो गए हैं. उनमे से एक है अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का इस्तेमाल.
जयपुर को छोटीकाशी भी कहा जाता है. ऐसे में गुलाबी नगर के मंदिरों के पुजारियों ने आने वाले भक्तों को बाजार में बिकने वाले सैनिटाइजर से हाथ धुलवाने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि इसमें 70 फीसदी से ज्यादा अल्कोहल होता है और मंदिर जैसे पवित्र स्थान पर अल्कोहल से बनी चीजों का उपयोग नहीं हो सकता. ऐसे में अब जयपुर के मंदिरों में बड़े स्तर पर आयुर्वेदिक सैनिटाइजर बनाया जाना अभी से शुरू कर दिया गया है.
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जयपुर के परकोटा इलाके में स्थित प्राचीन द्वारकाधीश मंदिर प्रशासन मंदिर के पट खोलने की तैयारी में जुटा है. वहां मंदिर परिसर में ही गैस पर एक बड़े बर्तन में पानी गर्म किया जा रहा है. पता करने पर सामने आया कि यहां आयुर्वेदिक सैनिटाइजर बनाया जा रहा है. चौंकना लाजमी था कि आखिर इस सैनिटाइजर की क्या जरूरत पड़ गई. ऐसे में मंदिर से जुड़े लोगों और इसे बनाने वालों ने बताया कि 30 जून से जो भक्त वहां आने वाले हैं, पहले उनके हाथ इस आयुर्वेदिक सैनिटाइजर से साफ करवाए जाएंगे. उस के बाद ही सभी भक्तों को मंदिर के अंदर जाने दिया जाएगा, क्योंकि बाजार में बिकने वाले सैनिटाइजर में 70 फीसदी से ज्यादा अल्कोहल होता है. ऐसे में भारतीय और आयुर्वेदिक परंपरा के अनुसार बने आयुर्वेदिक सैनिटाइजर का प्रयोग ही मंदिर में किया जाएगा.