जयपुर.राज्य की गहलोत सरकार की फ्लैगशिप योजना इंदिरा रसोई योजना को अब प्रचार प्रसार के माध्यम से सफल बनाने की कोशिश की जा रही है. जयपुर के हेरिटेज और ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में संचालित 20 रसोइयों में अब भोजन करने वालों की संख्या 30 फीसदी हो गई है. वहीं, अब कुछ रसोइयों को शिफ्ट और कुछ में एक्सटेंशन काउंटर लगाए जाने की तैयारी की जा रही है.
कोई भूखा ना सोए, सोच के साथ राज्य सरकार ने सभी नगरीय निकायों में 352 इंदिरा रसोई शुरू की. जहां लोगों को सुबह-शाम भोजन मिल रहा है. लेकिन इन रसोइयों पर भोजन करने वालों की संख्या कम रहने के चलते कई बार सवाल उठ चुके हैं. राज्य सरकार ने राजधानी जयपुर में भी 20 रसोइयों शुरू की. जहां जानकारी के अभाव में गरीब और जरूरतमंद लोग नहीं पहुंच रहे.
रसोई में सुबह शाम रोजाना 300-300 लोगों का भोजन पहुंच रहा है. इस थाली की कॉस्ट ₹20 पड़ रही है. ₹12 राज्य सरकार वहन कर रही है. जो फिलहाल घाटे का सौदा साबित हो रहा है. इंदिरा रसोई योजना को अब प्रचार प्रसार के माध्यम से सफल बनाने की कोशिश की जा रही है.
इस संबंध में एलएसजी सचिव भवानी सिंह देथा ने बताया कि अभी आईटी बेस मॉनिटरिंग की जा रही है. प्रदेश में इंदिरा रसोई में प्रत्येक दिन 90 से 95 हजार लोग भोजन कर रहे हैं. वहीं बीते दिनों की तुलना में जयपुर में भी अब संख्या बढ़ी है. उन्होंने कहा कि अब कुछ रसोइयों को शिफ्ट किया जाएगा और कुछ में एक्सटेंशन काउंटर लगाए जाएंगे. चूंकि ये मुख्यमंत्री की फ्लैगशिप योजना है. ऐसे में पूरा विभाग इसमें लगा हुआ है.