जयपुर. देश मे कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन ने सामान्य जन जीवन के साथ सरकारी कामकाज को भी ठप कर दिया था. सरकारी कार्यालयों में पूर्ण क्षमता के साथ कामकाज शुरू हो गया है. यही वजह है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने भी अब पंचायती राज संस्थाओं और नगरीय निकायों के चुनाव से जुड़ी तैयारियां फिर से शुरू कर दी है. राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला कलेक्टरों को दिशा-निर्देश जारी कर निर्वाचक नामावलियों के पुनरीक्षण कार्यक्रम को लेकर निर्देश जारी कर दिए हैं.
प्रदेश की शेष बची पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है. आयोग ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए सुरक्षा से जरूरी उपायों की पालना करवाने के साथ ही मतदाता सूचियों के प्रत्येक भाग में मतदाताओं की संख्या पहले की तुलना में आधी कर दी है. सूचियों पर दावे और आक्षेप प्रस्तुत करने के लिए ऑनलाइन माध्यम को बढ़ावा देने के निर्देश भी दिए गए हैं.
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राज्य निर्वाचन आयोग ने बाड़मेर और भरतपुर को छोड़कर बाकी 31 जिलों में 129 नगरीय निकायों के लिए निर्वाचक नामावलियों का पुनरीक्षण कार्यक्रम घोषित करने हुए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इन 31 जिलों में 4450 वार्डों में चुनाव के लिए ये सूचियां तैयार होगी. वहीं, 26 जिलों में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव के लिए निर्वाचक नामवलियों का अंतिम प्रकाशन 10 जून को करवाने के निर्देश भी दिए गए हैं.
राज्य निर्वाचन आयोग के उप सचिव अशोक जैन की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक 31 जिलों में 129 नगरीय निकायों का कार्यकाल अगस्त में पूरा हो रहा है. ऐसे में इनमें निर्वाचक नामावलियों का पुनरीक्षण कार्यक्रम घोषित किया गया है. आयोग की ओर से घोषित कार्यक्रम के मुताबिक 129 नगरीय निकायों के लिए जिलों में 27 जून को निर्वाचक नामावलियों के प्रारूप का प्रकाशन करना होगा.
वहीं, इसके बाद 3 जुलाई तक दावे और आक्षेप प्राप्त किए जा सकेंगे. 10 जुलाई तक प्राप्त दावों और आक्षेपों का निस्तारण करने के निर्देश दिए गए हैं. 17 जुलाई तक पूरक सूचियां तैयार करनी होंगी और 20 जुलाई को सूचियों का अंतिम प्रकाशन करना होगा. मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण के लिए अर्हता तिथि 1 जनवरी 2020 रखी गई है.
700 मतदाताओं के ही नाम शामिल करने के निर्देश
सामान्यतः मतदाता पुनरीक्षण सूचियां तैयार करवाते समय प्रत्येक भाग में 1400 मतदाताओं को शामिल किया जाता है, लेकिन कोविड-19 को देखते हुए प्रत्येक भाग में अब सिर्फ 700 मतदाताओं के ही नाम शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं. ताकि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए मतदान के समय सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की जा सके.
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साथ ही यह भी निर्देश दिए गए हैं कि नगरीय निकाय में जहां वार्डों को भागों में विभाजित किया जाएगा, ऐसे में विधानसभा मतदाता सूची के वे भाग जो पूर्ण रूप से उसी भाग में शामिल हैं. उनमें मतदाताओं की संख्या करीब 700 है तो उन्हें यथावत रूप से नगरीय निकाय के वार्ड के रूप में मान लिया जाएगा. मतदाताओं की संख्या 700 से ज्यादा होने पर विधानसभा के उस भाग को दो या अधिक भागों में संभवतया बराबर रूप से विभाजित किया जाएगा. इसके अलावा अन्य दिशा निर्देश भी दिए गए हैं.
कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत मतदान केन्द्रों और वार्डों में सभाएं आयोजित कर मतदाता सूचियों का पठन पाठन नहीं करवाया जाएगा. सूचियों पर दावे और आपत्ति करने वालों को मतदान केन्द्र पर मास्क लगाकर आने पर ही प्रवेश दिया जाएगा.
राजस्थान के 26 जिलों में पंचायती राज संस्थाओं की निर्वाचक नामावली के अंतिम प्रकाशन को लेकर भी चुनाव आयोग ने निर्देश जारी किए हैं. आयोग ने 10 जून को निर्वाचक नामावलियों का अंतिम प्रकाशन करवाने के निर्देश दिए हैं. पहले अंतिम प्रकाशन की तिथि 23 मार्च को किया जाना है, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते कामकाज प्रभावित होने से अंतिम प्रकाशन अब 10 जून को करना होगा.
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बता दें कि अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बीकानेर, चूरू, दौसा, धौलपुर, हनुमानगढ़, जयपुर, जैसलमेर, जालोर, जोधपुर, झुंझुनू, करौली, नागौर, पाली, प्रतापगढ़, सवाईमाधोपुर, सीकर, सिरोही, उदयपुर और श्रीगंगानगर जिलों की पंचायती राज संस्थाओं के लिए अब 10 जून को सूचियों का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा.