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Education with Vaccination : 1 सितंबर से स्कूल खोलने की तैयारी, अभिभावकों का तर्क- बच्चों को वैक्सीन लगने पर ही खुलें स्कूल - vaccination of children

राजस्थान सरकार (Government of Rajasthan) ने 1 सितंबर से स्कूल खोलने की अनुमति जारी की है. फिलहाल कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों को स्कूल बुलाया जाएगा. अभिभावक (Guardian) सरकार के इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं.

राजस्थान में 1 सितंबर से स्कूल खुलेंगे
राजस्थान में 1 सितंबर से स्कूल खुलेंगे

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Published : Aug 14, 2021, 6:44 PM IST

Updated : Aug 14, 2021, 6:55 PM IST

जयपुर. राज्य सरकार ने 1 सितंबर से स्कूल खोलने की अनुमति जारी की है. कक्षा 9 से 12 तक के बच्चे 1 सितंबर से स्कूल जा सकेंगे. हालांकि अभिभावकों का तर्क है कि जब तक बच्चों को वैक्सीन (vaccination of children) न लगे, तब तक उन्हें स्कूल बुलाना ठीक नहीं है.

राजस्थान में करीब साढ़े चार महीने के बाद 1 सितंबर से स्कूल खुल जाएंगे. कोरोना संक्रमण (corona infection) के आंकड़े कम होने के कारण सरकार ने स्कूल खोलने की अनुमति जारी की है. स्कूलों में कोविड बचाव के तमाम इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं. लेकिन अभिभावक अभी भी आशंकित हैं. उनका कहना है कि बच्चों को वैक्सीन लगने के बाद ही स्कूल बुलाना चाहिए.

अभिभावकों का आरोप- निजी शिक्षण संस्थाओं के दबाव में सरकार

संयुक्त अभिभावक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अरविंद अग्रवाल का कहना है कि बच्चों के वैक्सीनेशन (vaccination of children) को लेकर अभी कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. जिन राज्यों में स्कूल खोले गए हैं, उनमें बच्चों में कोरोना संक्रमण के मामले ज्यादा सामने आए हैं. फिलहाल व्यस्कों को ही वैक्सीन लग रही है. ऐसे में सरकार को कॉलेज खोलने से शुरुवात करनी चाहिए थी.

उन्होंने कहा कि स्कूल खोलने के लिए अभी थोड़ा और इंतजार किया जाना था. एक तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) कोविड से बचाव को लेकर आमजन को नसीहत दे रहे हैं, दूसरे तरफ बच्चों को संक्रमण से बचाने का पुख्ता इंतजाम किये बिना ही स्कूल बुलाया जा रहा है. बच्चों का वैक्सीनेशन नहीं हुआ तो वे संक्रमण से कैसे बचेंगे.

पढ़ें- रघु शर्मा ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र, 2 करोड़ वैक्सीन डोज की मांग

अरविंद अग्रवाल ने आरोप लगाया कि स्कूल खोलने के पीछे निजी शिक्षण संस्थाओं (private educational institutions) और संगठनों का दबाव साफ नजर आ रहा है. नई गाइड लाइन (corona guide line) में भी ऑनलाइन क्लासेज (online classes) को प्राथमिकता देने की बात कही गई है. लेकिन फीस वसूलने के लिए स्कूल खोलने पर जोर दिया जा रहा है. सरकार को निजी स्कूलों के दबाव में नहीं आकर बच्चों को कोरोना से बचाने के उपाय करने चाहिएं.

अभिभावकों का तर्क- पहले वैक्सीनेशन, फिर एजुकेशन

कोरोना संकट : स्कूलों पर असर

कोरोना संक्रमण की पहली लहर के कारण मार्च 2020 में शिक्षण संस्थान बंद किए गए थे. कोरोना केस कम होने पर जनवरी में कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल खोले गए. इसी साल फरवरी में कक्षा 6 से लेकर 8 तक के बच्चों के लिए भी स्कूल खोल दिये गए. कोरोना की दूसरी लहर के कारण 16 अप्रैल 2021 को शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए. दूसरी लहर का असर कम होने पर 12 जुलाई को शिक्षा मंत्री ने 2 अगस्त से स्कूल खोलने की बात कही. अगले ही दिन मुख्यमंत्री ने पांच मंत्रियों की कमेटी बनाई और कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही स्कूल खोलने पर फैसला लेने की बात कही. अब सरकार ने 1 सितंबर से कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों के लिए स्कूल खोलने की अनुमति दी है.

सितंबर में शुरू होगी बच्चों के वैक्सीनेशन की प्रक्रिया

बताया जा रहा है कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों को सितंबर से वैक्सीन लगनी शुरू होगी. हालांकि, इसको लेकर फिलहाल कोई ठोस जानकारी नहीं है. पहले संभावना जताई जा रही थी कि सितंबर में बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद अक्टूबर में स्कूल खोले जा सकते हैं. लेकिन पांच मंत्रियों की कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर 1 सितंबर से 9 वीं से 12 वीं तक के बच्चों के लिए स्कूल खोलने की अनुमति दी गई है.

Last Updated : Aug 14, 2021, 6:55 PM IST

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