जयपुर.केंद्र के तीनों कृषि विधेयक संसद के दोनों सदनों से पास हो चुके हैं और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद अब कानून का रूप भी ले चुके हैं, लेकिन इन कृषि कानूनों पर भाजपा और कांग्रेस पूरी तरीके से आमने-सामने हैं. हालात यह है कि कांग्रेस लगातार इन कानूनों के विरोध में हर राज्य में विरोध प्रदर्शन कर रही है, जो 10 अक्टूबर को होने वाले किसान सम्मेलन तक जारी रहेंगे.
इसके बाद 14 नवंबर को कांग्रेस पार्टी की ओर से राष्ट्रपति को दो करोड़ हस्ताक्षर का ज्ञापन भी इन कानूनों के विरोध में दिया जाएगा, लेकिन इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने इन कानूनों को कम से कम उन राज्यों में नहीं लागू करने की बात कही है, जहां कांग्रेस की सरकार है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सभी कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा है कि वह इन केंद्रीय कानूनों को लागू नहीं करने का विधिक रास्ता निकालें.