जयपुर. सोयाबीन की फसल के बीज उत्पादन कार्यक्रम पर किसानों को दी जाने वाली प्रीमियम की राशि 500 से बढ़ाकर 1000 रुपए प्रति क्विंटल कर दी गई (Premium on Soybean seed increased) है. अब सोयाबीन उत्पादकों को 1000 रुपए प्रति क्विंटल अतिरिक्त मिलेंगे. इसके साथ ही किसानों को आसानी से बीज उपलब्ध करवाने के लिए गांव-गांव, ढाणी-ढाणी में स्थित केवीएसएस तथा जीएसएस को बीज लाइसेंस दिलवाकर बीज निगम के अधिकृृत डीलर बनाने का अभियान चालू किया गया है.
राजस्थान स्टेट सीड्स कॉरपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष धीरज गुर्जर ने मंगलवार को जानकारी देते हुए कहा कि निगम पहली बार अनुबंध आधारित नीति के तहत राज्य एवं राज्य से बाहर की संस्थाओं के लिए भी बीजोत्पादन करेगा. उन्होंने कहा कि पहली बार राज्य के किसानों के साथ-साथ राज्य के बाहर की बीजोत्पादक संस्थाओं के साथ एमओयू के आधार पर सोयाबीन फसल का इसी तर्ज पर प्रमाणित बीज का 30 हजार क्विंटल उत्पादन किया जाएगा.
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बीज विपणन को बढ़ावा देने के लिए निजी क्षेत्र के बीज विक्रेताओं को निगम का अधिकृत विक्रेता बनाया जा रहा है. बीज विपणन के सुदृृढीकरण के लिए राज्य की कृृषि उपज मण्डियों में 144 भू-खंडों पर निगम के रिटेल आउटलेट चरणबद्ध रूप से निर्मित किए जाएंगे. इससे काश्तकार एक ही स्थान पर अपनी फसलों के बेचान के साथ ही अपने लिए उत्तम गुणवत्ता के बीज खरीद सकेगा.
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आपको बता दें कि राज्य के पहले कृृषि बजट (First agriculture budget of Rajasthan) में 11 मिशन शुरू करने की घोषणा की गई जिनमें बीज उत्पादन व बीज मिशन भी शामिल है. इसके अन्तर्गत निगम ने कृृषि विभाग को संकर बाजरा के 8.5 लाख, मक्का के 8 लाख तथा मूंग, उड़द, मोठ के 2 लाख 8 हजार प्रमाणित बीज के मिनिकिट्स उपलब्ध करवा दिए हैं. इसी प्रकार दक्षिण राजस्थान के अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के 8 लाख किसानों को निशुल्क संकर मक्का बीज के मिनीकिट उपलब्ध कराये गये हैं. खरीफ 2022 में सोयाबीन का 7.5 हजार हैक्टेयर, दलहनी फसलों का 12 हजार हेक्टेयर, ज्वार व बाजरा का 1 हजार 500 हेक्टेयर एवं ढेंचा का 500 हेक्टेयर क्षेत्र में प्रमाणित बीज उत्पादन किया गया है.