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Prashasan Shehro Ke Sang Abhiyan: 2 महीने में 20 फीसदी लक्ष्य तक भी नहीं पहुंचा JDA - जयपुर में पट्टा बांटने का काम

प्रशासन शहरों के संग अभियान (Prashasan Shehro Ke Sang Abhiyan) में जयपुर विकास प्राधिकरण (Jaipur Development Authority) के पास सबसे ज्यादा एक लाख पट्टे बांटने का लक्ष्य है. अभियान के 2 महीने से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद जेडीए लक्ष्य के 20 फीसदी तक भी नहीं पहुंच पाया है.

Prashasan Shehro Ke Sang Abhiyan, Jaipur Development Authority
Jaipur Development Authority

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Published : Dec 11, 2021, 7:56 AM IST

जयपुर. प्रशासन शहरों के संग अभियान (Prashasan Shehro Ke Sang Abhiyan) में जयपुर विकास प्राधिकरण (Jaipur Development Authority) के पास सबसे ज्यादा एक लाख पट्टे बांटने का लक्ष्य है. अभियान के 2 महीने से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद जेडीए लक्ष्य के 20 फीसदी तक भी नहीं पहुंच पाया है. हालांकि करीब 25 फीसदी पट्टे जारी करने की रूपरेखा तैयार कर ली है, लेकिन एक बड़ी संख्या ऐसे भूखंडों की है जो विवादित है.

पढ़ें- Prashasan Shehro Ke Sang: वन्य भूमि पर बसे लोग कर रहे पट्टे के लिए आवेदन, अवैध होने के चलते हो रहे निरस्त

जयपुर विकास प्राधिकरण (Jaipur Development Authority) ने प्रशासन शहरों के संग अभियान (Prashasan Shehro Ke Sang Abhiyan) के आगामी 4 महीनों में राजधानी की 2556 कॉलोनियों में करीब 26 हजार पट्टे बांटने की कार्य योजना बनाई है. लेकिन कृषि भूमि पर बसी 700 गैर अनुमोदित कॉलोनियों में पट्टे नहीं बांटे जा सकने की वजह से जेडीए फिलहाल अपने निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचने में विफल साबित हो रहा है.

अब तक के काम

आवेदन पट्टा जारी
लीज डीड 18,731 18,286
नेम ट्रांसफर 2464 2402
सबडिवीजन/रिकंस्टीट्यूशन 826 770
बिल्डिंग प्लान अप्रूवल 10,913 10,903
ड्यू लीज एंड ओटीएलसी 9740 9728
खांचा भूमि 8 6

जयपुर विकास प्राधिकरण को अभियान के दौरान अब तक निस्तारित किए गए प्रकरणों से करीब 163 करोड़ का रेवेन्यू मिला है. वहीं, मास्टर प्लान में इकोलॉजिकल जोन और ग्रीन जोन के मामले कोर्ट में चल रहे हैं, जिनका नियमन नहीं किया जा सकता. इसके अलावा कई कॉलोनियों में भूमि के स्वामित्व को लेकर गृह निर्माण सोसायटी और भूखंड धारियों में विवाद है. 17 जून 1999 के पहले और बाद में कृषि भूमि पर बसी गैर अनुमोदित कॉलोनियों में भी कानूनी पेच और विवाद है, जिनका फैसला आने तक नियमन नहीं किया जा सकता.

हालांकि, जयपुर विकास प्राधिकरण ने दिसंबर में करीब 4700, जनवरी में 5200, फरवरी में 5500 और मार्च में 6500 पट्टे जारी करने की कार्ययोजना बनाई है. इसके साथ ही अब जेडीए की टीमें सरकार की ओर से दी गई छूट का प्रचार-प्रसार भी करेगी ताकि जेडीए पहुंच से दूर होते हुए लक्ष्य के नजदीक पहुंचे सके.

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