जयपुर.भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय के अंतर्गत जेनेटिकल इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति द्वारा हाल ही में देश के आठ राज्यों में जनुकीय परिवर्तित (Genetically modified) फसल बीटी बैंगन के द्वितीय परीक्षण को करने की अनुमति दी है. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से हुई मुलाकात के बारे में जानकारी देते हुए प्रतिनिधि मंडल में शामिल भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी ने बताया कि किसान संघ के द्वारा केंद्रीय मंत्री के सामने बात रखी गई है.
महामंत्री ने बताया कि पर्यावरण, प्रदूषण जैव विविधता को खतरा, पशु एवं मानव स्वास्थ्य, उत्पादकता बाजार एकाधिकार आदि जैसे कई गंभीर मुद्दे हैं, जिन्हें जीएम फसलों के ऐसे परीक्षण की अनुमति देने से पहले जानने और विश्लेषण करने की आवश्यकता है. जो की अभी भी लंबित है. चौधरी ने बताया कि अधिकांश प्रतिष्ठित संस्थानों में, संसदीय स्थाई स्थाई समिति, सर्वोच्च न्यायालय की तकनीकी विशेषज्ञ समिति, प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों के विचार, कुछ कृषि प्रधान राज्यों के संबंधित अधिकारी आदि ने भी बीटी बैंगन के जेनेटिकली मॉडिफाइड परीक्षणों को लेकर अपनी आशंका व्यक्त की है. ऐसे में परीक्षण की अनुमति देना उचित नहीं होगा, जबकि कई राज्यों ने पहले ही जीएम खाद्य फसलों के परीक्षणों पर प्रतिबंध लगा दिया है.
यह भी पढ़ेंःचूरू: बकाया बीमा सहित विभिन्न मांगों को लेकर गांव-गांव धरना प्रदर्शन करेंगे किसान