जयपुर. करीब सवा 2 साल की मेहनत के बाद आखिरकार राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम (Power generation corporation) को राणा प्रताप सागर पन विद्युत गृह की 43 मेगावाट क्षमता की फर्स्ट यूनिट से बिजली का उत्पादन फिर शुरू हो गया है. बुधवार दोपहर 4 बजकर 21 मिनट पर सिक्रोनाइज कर पुनः विद्युत उत्पादन शुरू कर दिया गया है. पूर्ण क्षमता से संचालित होने पर इस इकाई से प्रतिदिन 10.32 लाख यूनिट विद्युत उत्पादन किया जायेगा.
1968 में हुई थी शुरूआत :
राजस्थान और मध्यप्रदेश राज्यों की साझा चम्बल घाटी परियोजना के तहत साल 1968 में चम्बल नदी पर बने राज्य के राणा प्रताप सागर बांध पर स्थापित 172 मेगावाट (43 मेगावाट की 4 यूनिट) क्षमता के पन बिजलीघर का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. इन्दिरा गांधी ने किया था. साल 1968 में स्थापना के बाद राणा प्रताप सागर पन बिजलीघर से 2365 करोड़ यूनिट की सबसे सस्ती और हरित विद्युत ऊर्जा का उत्पादन (production of green electrical energy) किया जा चुका है.
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भीषण जल विभीषिका के कारण पहुंचा था नुकसान
चम्बल नदी में मानसून के दौरान दिनांक 14 सितम्बर 2019 को उत्पन्न हुई भीषण जल विभीषिका (Serious water hazard) में पन बिजलीघर की चारों इकाईयां पूर्ण रूप से जलमग्न हो गयी थी. 51 वर्ष पुरानी इन इकाईयों से पुनः विद्युत उत्पादन हेतु पुनरुद्धार योजना (Revival plan) प्रस्तावित की गई थी. जिसमें 5-6 वर्षों तक इकाईयों के बंद रहने का अनुमान बताया गया था.
उत्पादन निगम सीएमडी ने अभियन्ताओं के दीर्घ तकनीकी अनुभव और सतत प्रयासों से इकाईयों को न्यूनतम खर्चें में पुनः विद्युत उत्पादन हेतु तैयार करने के लिए विभिन्न विद्युत गृहों में कार्यरत तकनीकी विशेषज्ञों की टीम गठित कर पुनः संचालन कार्य योजना बनाई. इस टीम ने सभी तकनीकी पहलुओं का गहराई से अध्ययन कर न्यूनतम खर्च में विभिन्न जटिल कार्य सम्पादित कर विद्युत उत्पादन प्रारम्भ करने की संभावना को तलाशा.
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चौथी इकाई भी होगा जल्द ही चालू
राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक आर.के. शर्मा ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर कर पन विद्युत गृह के सभी अभियंताओं और कर्मचारियों को बधाई दी. उन्होने शीघ्र ही चौथी इकाई को भी जल्द पुनःसचालन करने के निर्देश दिए. इकाई से विद्युत उत्पादन शुरू करने में मुख्य अभियन्ता देवेन्द्र श्रृंगी, अधीक्षण अभियन्ता नरेन्द्र सिंह, संजय बाहेती, अधिशाषी अभियंता राजकुमार गुप्ता, राजीव रोलीवाल, आशीष जैन, धीरज गुप्ता, सहायक अभियंता राजेश गुप्ता सहित समस्त पन बिजलीघर के अभियंता और तकनीकी कर्मियों का विशेष योगदान रहा है.