जयपुर. डॉ. सुबोध अग्रवाल बुधवार को सभी बिजली कंपनियों के अधिकारियों की बैठक कर अब तक की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे. इस दौरान ही अग्रवाल ने आगामी तीन माह में बिजली की मांग और उपलब्धता का आकलन करने के निर्देश भी दिए, ताकि भविष्य में प्रदेश में कभी बिजली संकट की स्थिति से रुक रुक ना होना पड़े.
अतिरिक्त मुख्य सचिव एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार की पीकेसीएल से गत माह की तुलना में कोयले की 23 रैक अधिक डिस्पैच होने से प्रदेश में बिजली की उत्पादकता और उपलब्धता में सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. अग्रवाल के अनुसार राज्य मेें बंद तापीय विद्युत इकाइयों में भी प्राथमिकता से बिजली का उत्पादन आरंभ किया जा रहा है और इस माह 6 इकाइयों में करीब 2015 मेगावाट विद्युत उत्पादन शुरु किया गया है.
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सूरतगढ मेें 250-250 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता की दो इकाइयों में उत्पादन शुरू हो गया है. वहीं, इससे पहले कालीसिंध तापीय में 600 मेगावाट, कोटा तापीय विद्युत गृह में 195 और सूरतगढ़ तापीय विद्युत गृह में यूनिट 6 में 660 मेगावाट का उत्पादन आरंभ हो गया है.
20 हजार से अधिक राशि के विद्युत बिल का भुगतान चेक और डिमांड ड्राफ्ट द्वारा भी हो सकेगा : भास्कर ए. सावंत
विद्युत बिलों के ऑनलाइन माध्यम से भुगतान करने में आ रही समस्या को देखते हुए राजस्थान डिस्कॉम द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं को 20 हजार से अधिक राशि के विद्युत बिल व अन्य भुगतान ऑनलाइन माध्यम के साथ ही चेक और डिमांड ड्राफ्ट द्वारा करने की सुविधा भी प्रदान की गई है. अब तक 20 हजार से अधिक राशि के बिल राशि का भुगतान केवल ऑनलाइन माध्यम से स्वीकार किया जाता था. राजस्थान डिस्कॉम चेयरमैन भास्कर ए. सावंत ने इसके निर्देश दिए हैं.