जयपुर.जीवन को लेकर दर्शनशास्त्र की एक धारणा है कि यहां हर क्षण और हर घड़ी की रोचकता इसी में है कि आपको अगले पल की घटना का अनुमान ना हो. जाहिर है कभी किसी ने नहीं सोचा था कि एक महामारी के कारण कभी पूरे देश में चक्के जाम हो जाएंगे. कुछ लोग ऐसे होंगे जो आज की अपनी परिस्थितियों का ना रख पाए थे और ना ही कभी इसकी कल्पना करेंगे.
साफ है कि वैश्विक महामारी कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन की परिस्थितियों ने बहुत से लोगों को अनचाही जगहों पर रहने के लिए मजबूर कर दिया. चार-पांच हफ्ते के अनुभव अब इन लोगों के लिए ताउम्र याद रखने वाले तजुर्बा से कम नहीं होंगे.
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ईटीवी भारत की टीम लॉकडाउन के दौरान अपने दर्शकों को हर उस घटना से रू-ब-रू करवाने की कोशिश कर रही है जो अनुभव कभी सुखद अहसास कराते हैं. तो कभी विविधता में एकता वाले देश में सद्भाव और सहयोग की बेहतर तस्वीर का मुजायरा करते हैं.
गर्भवती महिला ने लॉकडाउन के अनुभवों को किया साझा
ईटीवी भारत की टीम जब राजधानी जयपुर के गांधीनगर स्थित शेल्टर होम पर पहुंची तो वहां मौजूद एक गर्भवती महिला से लॉकडाउन पार्ट वन से जुड़े उनके अनुभवों के बारे में बात की. दरअसल, उत्तर प्रदेश के मूल निवासी दंपति लॉकडाउन के बाद गुजरात से अपने घर लौट रहे थे. इसी दौरान जयपुर में एक शेल्टर होम में उनको संक्रमण ना फैले, इस एहतियात में ठहरा दिया गया. अब इस महिला के लिए शेल्टर होम में नियमित जांच के लिए चिकित्सक पहुंच रहे हैं.