जयपुर.कांग्रेस महंगाई को लेकर सड़क पर है. नया मुद्दा ERCP का भी थाम लिया है. पार्टी लगातार 13 जिलों में बसे लोगों की दिक्कतों के हवाले से केन्द्र सरकार को घेर रही है. कह रही है कि जैसा प्रधानमंत्री ने कहा था वैसा कर दिखाएं और इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर (Politics Over ERCP Project) दें. इसे भुनाने की कोशिश पूरी हो रही है. खास बात ये है कि इस मुद्दे को लेकर टारगेट केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को ही बनाया जा रहा है. राजनीति के जानकार इसके पीछे की वजह उस राजनीतिक खेल से जोड़ते हैं जिसे समय रहते गहलोत ने संभाल लिया और कांग्रेस की सरकार बच गई.
वाकया 2020 का है. जब फोन टैपिंग ने सुर्खियां बटोरीं. आरोप लगा कि भाजपा नेता और सचिन पायलट गुट गहलोत सरकार गिराने की तैयारी में थे. विधायकों की खरीद फरोख्त का भी दावा किया गया. आधार वॉयस सैम्पल को बनाया गया. कांग्रेस ने दो ऑडियो टेप का भी जिक्र किया था, जिसमें कथित तौर पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस के बागी विधायक भंवर लाल शर्मा के बीच पैसों के लेनदेन पर बात हो रही थी.
Politics Over ERCP Project पढ़ें- ऊपर वालों के इशारे पर भाजपा नेता बिगाड़ रहे माहौल, देश सुनना चाहता है पीएम का बयानः अशोक गहलोत
उस समय सरकार तो जैसे तैसे बचा ली गई लेकिन कांग्रेस को अब भी वो दौर सालता है. शायद यही वजह है कि सीएम अशोक गहलोत ने 2 दिन पहले बिरला सभागार में एक कार्यक्रम के दौरान साफ तौर पर कहा था कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और गृह मंत्री अमित शाह ने राजस्थान में कांग्रेस के विधायकों को तोड़ने का प्रयास किया था (Congress Vs BJP In Rajasthan) और वो खुद मानेसर जाकर बार-बार ये भी देखते थे कि सब ठीक तो चल रहा है.
सीएम के इस विचार से साफ होता है कि वो भूले नहीं हैं और मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहते. ERCP एक ऐसा ही मुद्दा है जिससे उन्हें दो लोगों को लपेटने में मदद मिलेगी. एक शेखावत और दूसरे सचिन पायलट. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जिस तरह से आज भी गजेंद्र सिंह शेखावत को राजस्थान में कांग्रेस पार्टी में हुई राजनीतिक उठापटक और विधायकों की खरीद-फरोख्त के लिए जिम्मेदार बताते हैं ,साफ है कि यह मुद्दा भी कांग्रेस विधानसभा चुनाव तक उठाती रहेगी कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (ERCP and Minister Shekhawat) ने राजस्थान में सरकार को गिराने का षडयंत्र किया था. भले ही इसमें नाम प्रत्यक्ष रूप से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का लिया जा रहा हो लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से निशाना सचिन पायलट ही होंगे, क्योंकि जिन विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगाते रहे हैं. उनमें वो भी शामिल हैं जो जुलाई 2020 में सचिन पायलट के साथ नाराज होकर दिल्ली और मानेसर चले गए थे.
तय है कि कांग्रेस 2 मुद्दों को 2023 तक लेकर चलेगी. महंगाई और ईस्ट राजस्थान कैनाल परियोजना (Politics Over ERCP Project) का मुद्दा. यही कारण है कि आज उन सभी 13 जिलों में कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन है जिन्हें इस परियोजना का लाभ मिलता और इसके साथ ही कांग्रेस केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का इस्तीफा भी मांग रही है.