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यूपी-राजस्थान बॉर्डर पर 24 घंटे से मजदूरों की बेबसी पर बसों की राजनीति जारी - ईटीवी भारत न्यूज

यूपी-राजस्थान बॉर्डर पर कांग्रेस की बसों के पहिये थम गए हैं. 24 घंटे बाद भी मंगलवार को बसें नहीं चलीं. कांग्रेस और यूपी सरकार के बीच खींचतान का दौर जारी है. ऐसे में तमाम प्रवासी मजदूर पैदल ही सड़कों पर अपना सफर तय कर रहे हैं.

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मजदूरों की बेबसी पर बसों की राजनीति जारी

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Published : May 20, 2020, 3:51 PM IST

आगरा/भरतपुरःयूपी-राजस्थान बॉर्डर पर प्रवासी मजदूरों की बेबसी पर बसों की राजनीति कांग्रेस और यूपी सरकार के बीच 24 घंटे में भी अभी खत्म नहीं हुई है. कांग्रेस जहां आगरा के रास्ते अपनी बसों को यूपी में प्रवेश कराकर प्रवासी मजदूरों को लाने की जिद पर अड़ी है. वहीं यूपी सरकार ने भी बसों को प्रवेश की अनुमति देने की शर्त रखी है.

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से प्रवासी मजदूरों को घर तक पहुंचाने के लिए बस चलाने की अनुमति ली. इसी को लेकर राजस्थान के अलग-अलग जिलों से कांग्रेस ने बसों को जुटाया और यूपी में आगरा बॉर्डर पर आकर के बसें खड़ी दीं. बसें कतार से सोमवार सुबह से आकर के यहां खड़ी हो गई थीं. क्योंकि आगरा जिला प्रशासन और पुलिस ने इन बसों को आगरा की सीमा में प्रवेश करने पर पाबंदी लगा दी थी.

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जिला प्रशासन का कहना था कि नई गाइड लाइन के मुताबिक आगरा में लॉकडाउन-4 के दौरान भी अभी कोई राहत नहीं है, क्योंकि आगरा रेड जोन में है. अभी आगरा में 823 कोरोना पॉजिटिव हैं. 44 हॉटस्पॉट एक्टिव हैं. ऐसे में आगरा में जब लॉकडाउन के दौरान कोई राहत नहीं है तो फिर यहां से बिना अनुमति के अंतरराज्यीय बसों का परिवहन कैसे किया जा सकता है.

किरावली एसडीएम नंदकिशोर का कहना है कि हमनें भरतपुर जिला प्रशासन से सभी बसों की सूची और उनके फिटनेस प्रमाण पत्र के बारे में दस्तावेज मांगे थे. 24 घंटे से ज्यादा समय हो गया, लेकिन भरतपुर जिला प्रशासन ने अभी भी उन्हें किसी भी बस के दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए हैं. ऐसे में अंतरराज्यीय परिवहन के लिए पास जारी तभी किया जा सकता है, जब बसों की फिटनेस इंश्योरेंस और अन्य तमाम दस्तावेज सही होंगे. यही वजह है कि बसों को यूपी में प्रवेश नहीं करने दे रहे. इस बारे में लगातार भरतपुर प्रशासन से बातचीत चल रही है.

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