जयपुर. राजस्थान में भी इन दिनों कोयले की कमी के चलते बिजली संकट चल रहा है और इसके चलते जयपुर समेत पूरे राजस्थान में बिजली की घोषित रूप से कटौती की जा रही है. बिजली संकट के लिए राजस्थान में भाजपा कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार बता रही है और इसे लेकर शुक्रवार को भाजपा की ओर से पूरे प्रदेश में धरने-प्रदर्शन भी किए गए. लेकिन कांग्रेस पार्टी के राजस्थान अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बिजली संकट के लिए केंद्र सरकार कि गलत नीतियों को जिम्मेदार ठहराने के साथ ही इसे भाजपा सरकार की चंद पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने की साजिश बताया है.
डोटासरा ने कहा कि 16 राज्यों को केंद्र सरकार की ओर से कोयला नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसके चलते जहां उत्तर प्रदेश और बिहार में 2 या 4 घंटे से ज्यादा बिजली नहीं आ रही है तो राजस्थान में भी इसके चलते (Politics on Power Crisis in Rajastha) बिजली कटौती करनी पड़ रही है. डोटासरा ने कहा कि कुछ पूंजीपति लोगों को फायदा पहुंचाने की यह साजिश है, नहीं तो केंद्र की यह जिम्मेदारी है कि वह स्टेट को कोयला उपलब्ध करवाए.
कोयला नहीं होने के चलते 173 प्लांट में से 106 प्लांट में या तो 10-15 फीसदी कोयला है या फिर समाप्त हो चुका है. डोटासरा ने कहा कि केंद्र सरकार की चाहे कोरोना के समय नीति रही हो या फिर महंगाई को लेकर नीति हो, इसी तरह से राज्यों के ऊपर जिम्मेदारी डालने की आदत बन गई है. जब कोयला संकट की स्थिति 16 प्रदेश में है तो फिर इसे राज्यों का कुप्रबंधन कैसे कहा जा सकता है.