जयपुर. देश में चल रहे कोयला संकट के बीच प्रदेश में आज से संभाग और जिला मुख्यालय पर भी बिजली की कटौती शुरू हो गई है लेकिन साथ ही इस पर सियासत भी गरमा (Politics On Power Crisis In Rajasthan) गई है. बिजली का संकट राजस्थान ही नहीं देश के कई राज्यों में है लेकिन प्रदेश में भाजपा ने इसके लिए गहलोत सरकार के बिजली कुप्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है. भाजपा ने बिजली कटौती के खिलाफ प्रदेश के सभी जीएसएस (Grid Sub Station) बिजली कार्यालय पर शुक्रवार को धरना-प्रदर्शन (BJP To protest on GSS) करने का ऐलान किया है.
भाजपा का आरोप है कि लगातार बढ़ते बिजली के कनेक्शन और आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर सरकार को पहले से ही संभावित बिजली की डिमांड के अनुसार प्रदेश में उत्पादन की क्षमता विकसित कर लेना चाहिए थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जो सीधे तौर पर सरकार और ऊर्जा विभाग के को प्रबंधन को (power Cut politics In Rajasthan) दर्शाता है. यही कारण है कि राजस्थान में विपक्षी दल भाजपा ने इसे मुद्दा बनाना तय किया और विरोध प्रदर्शन का ऐलान कर दिया. हालांकि ये बात और है कि बिजली की कटौती केवल राजस्थान में ही नहीं बल्कि देश के कुछ अन्य राज्यों में भी शुरू हो गई है क्योंकि कोयले का संकट राष्ट्रव्यापी है.