जयपुर. पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को लेकर चल रही सियासत के बीच मंगलवार को भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा दौसा के न्यांगल प्यारीवास से जल क्रांति आंदोलन का आगाज करने (ERCP in Rajasthan) जा रहे हैं. यहां होने वाली जनसभा के बाद 75 विधानसभा क्षेत्र के 75 हजार लोग अपने हाथों में तिरंगा लेकर जयपुर कूच करेंगे. जहां मुख्यमंत्री आवास के घेराव (protest outside gehlot residence in jaipur) करने की योजना है. किरोड़ी मीणा के इस कार्यक्रम को उनके शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है.
2 लाख लोगों के जुटने का दावा:किरोड़ी लाल मीणा इस कार्यक्रम में 2 लाख लोगों के जुटने का दावा कर रहे हैं. वहीं भाजपा नेता और पदाधिकारियों ने अप्रत्यक्ष रूप से इस कार्यक्रम से दूरी बना ली है. इसकी सबसे बड़ी वजह सिरोही में हो रही बीजेपी की प्रदेश स्तरीय विस्तार प्रशिक्षण वर्ग है, जिसमें पार्टी के तमाम बड़े नेता और पदाधिकारी पहुंच रहे हैं. लेकिन 9 अगस्त को जब यह कार्यक्रम होगी तब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया और पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री व प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह सिरोही में मौजूद रहेंगे. मतलब किरोड़ी लाल मीणा के इस कार्यक्रम में यह बड़े दिग्गज भाजपा नेता नहीं दिखेंगे.
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न्यौता सबको लेकिन मंच सामाजिक:किरोड़ी लाल मीणा 9 अगस्त को दौसा जिले में पिछले कुछ वर्षों से विश्व आदिवासी दिवस के रूप में आयोजन करवाते आए हैं. लेकिन इस बार इसे राजनीतिक रंग देते हुए, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना की मांग इस कार्यक्रम के जरिए बुलंद की जाएगी. कार्यक्रम में मीणा ने पार्टी के सभी नेताओं को आमंत्रित किया है, लेकिन कार्यक्रम को पूरी तरह सामाजिक भी बताया है. किरोड़ी मीणा इस सामाजिक कार्यक्रम को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हुए गहलोत सरकार पर राजस्थान ईस्टर्न कैनाल परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाने के लिए केंद्र को संशोधित डीपीआर भेजे जाने का दबाव बनाएंगे जिसमें इस प्रोजेक्ट में जल निर्भरता 50 के बजाय 75% दर्शाई गई हो.
कार्यशैली के चलते अन्य नेता रहते दूर- राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा प्रदेश के फायर ब्रांड नेताओं में शामिल हैं जो अपने बलबूते कई बार बड़े आंदोलन कर चुके हैं. आदिवासी क्षेत्रों में भी किरोड़ी मीणा की अलग पहचान है, लेकिन भाजपा में पिछले कई सालों से उनकी पटरी सही तरीके से नहीं बैठ पा रही. संघनिष्ठ किरोड़ी लाल मीणा कुछ साल पहले तक पार्टी से अलग होकर एनपीपी से चुनाव लड़ और लड़वा चुके हैं. हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में उनकी भाजपा में घर वापसी हुई और उन्हें राज्यसभा का सांसद भी बना दिया गया. लेकिन पार्टी नेताओं के साथ उनकी पटरी पूरी तरह अब तक नहीं बैठ पाई.
इसके पीछे एक बड़ा कारण किरोड़ी लाल मीणा की कार्यशैली और दबंग छवि भी है. दरअसल जिस आंदोलन में किरोड़ी लाल मीणा को शामिल किया जाता है उसमें किरोड़ी मीणा ही खुद को इतना आगे कर लेते हैं कि अन्य नेता उनके सामने सियासी रूप से छोटे दिखाई देने लगते हैं या फिर कहे किरोड़ी जहां खड़े होते हैं उस आंदोलन को सियासी रूप से कैप्चर कर लेते हैं. यही कारण है की मीणा ने अपने इस कार्यक्रम से पहले 10 जुलाई को ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना को लेकर दौसा में एक बड़ी रैली करने का प्लान भी किया था लेकिन केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उस सभा के लिए समय नहीं दिया. जिससे नाराज किरोड़ी ने अब आदिवासी दिवस पर दौसा में आज होने वाले कार्यक्रम में ईआरसीपी विषय को जोड़ लिया.
किरोड़ी लाल मीणा के साथ हजारों लोग करेंगे जयपुर कुच : पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के लिए ईआरसीपी योजना में संशोधन कर राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार को प्रस्ताव भिजवाने की मांग को लेकर आज राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा का हजारों समर्थकों के साथ नांगल प्यारीवास स्थित मीणा हाईकोर्ट से जयपुर कुच होगा. सांसद प्रवक्ता धुंधी राम मीना ने बताया कि विश्व आदिवासी दिवस पर मंगलवार को दोपहर बाद 3:00 बजे मीणा हाईकोर्ट से हजारों समर्थक हाथों मे तिरंगा झंडा लेकर जयपुर कुच करेंगे. इससे पहले मीणा हथाई पर विशाल जनसभा भी आयोजित की जाएगी.
प्रशासन अलर्ट : राजयसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के नेतृत्व मे आयोजित होने वाली जल क्रांति आंदोलन को लेकर दौसा प्रशासन अलर्ट है. सोमवार देर रात तक जयपुर कमीशनर सीताराम एस. भाले, जयपुर रेंज आईजी उमेश चंद दत्ता, कलेक्टर कमर उल जमान चौधरी व एसपी संजीव नेन ने सांसद से कुच नहीं करने की अपील की, लेकिन सांसद मीणा अपने फैसले पर डटे रहे. सांसद के कुच को लेकर पुलिस लाइन, थानों सहित आसपास के कई जिलों का पुलिस जाप्ता तैनात किया गया है.