जयपुर. राज्य बजट पेश होने के बाद विधायकों को महंगे आईफोन (Politics In Rajasthan On IPhone) देने का मामला सुर्खियों में आया तो बीजेपी विधायकों ने इसे लौटाने का ऐलान कर दिया. इस पर कांग्रेस ने सवाल खड़े करते हुए पूछ लिया कि जब उपहार लौटाना ही था तो लिए ही क्यों? खैर इसके पहले भी बजट के दौरान विधायकों को महंगे उपहार (BJP MLAs Will Return iPhone 13) देकर जनता पर भार डालने का काम सरकारों ने किया है. जबकि जनता की गाढ़ी कमाई के बलबूते विधायक और मंत्रियों को हर माह लाखों रुपए का वेतन भत्ता दिया जाता है.
नैतिकता के नाम पर अब लौटा रहे लेकिन लिए क्यों : दरअसल इस बार हर विधायक को बजट पेश (Rajasthan Budget 2022) होने के बाद 79 हजार कीमत वाला महंगा आईफोन दिया गया. इस पर सरकार पर 1 करोड़ 58 लाख का भार आया. विधायकों ने विधानसभा से निकलते समय खुशी-खुशी उपहार लिया और चलते बने. लेकिन रात तक ये घटना मीडिया में सुर्खियां बनी तो बीजेपी ने इसे लौटाने का फैसला लिया और गुरुवार को भाजपा विधायक अपने साथ यह उपहार लौटाने के लिए विधानसभा भी ले आए. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया सहित बीजेपी विधायकों ने कहा कि नैतिक रूप से प्रदेश पर आर्थिक भार डालना ठीक नहीं इसलिए आईफोन लौटाने का फैसला लिया है.
आईफोन लौटाने पर शुरू हुई सियासत बेहतर बजट से बौखला कर अब लौटा रहे आईफोन : बीजेपी विधायकों ने तो इस महंगे उपहार (Costly Budget gift in Rajasthan Vidhansabha) को लौटाने का फैसला ले लिया. लेकिन कांग्रेसी विधायकों ने इसे महज सियासी नौटंकी बताया (Congress attack on iPhone return in Rajasthan assembly). मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया की मानें तो जब बीजेपी को यह उपहार लौटाना ही था तो विधायकों ने फिर इसे लिया ही क्यों?. उन्होंने कहा कि बेहतरीन बजट पेश होने के बाद अपनी खीज उतारने के लिए भाजपा इस तरह की हरकतें कर रही है.
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ऐसा नहीं है कि बजट के बाद विधायकों को महंगे उपहार पहली बार मिले हैं. हर साल इस प्रकार के महंगे उपहार मिलने की परंपरा विधानसभा में लंबे समय से चल रही है. इससे पहले विधायकों को आईपैड और लैपटॉप जैसे महंगे उपहार मिल चुके हैं. लेकिन तब जनहित में और नैतिकता के आधार पर इसे लौटाना किसी भी विधायक ने उचित नहीं समझा था. लेकिन अब गिफ्ट लौटने के नाम पर सियासत शुरू हो गई है.
लाखों का वेतन भत्ता लेकर भी महंगे उपहार की लालसा क्यों : एक नजर हमारे विधायक और मंत्रियों के वेतन भक्तों पर भी डाल लें और गौर करें कि क्या इतने वेतन भत्ते और सुविधाएं देने के बाद भी इन्हें सरकार से महंगे उपहार की दरकार होनी चाहिए या फिर नहीं.
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मुख्यमंत्री, मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष के वेतन भत्ते : मुख्यमंत्री का वेतन 75 हजार रुपए, विधानसभा अध्यक्ष का वेतन 70 हजार रुपए, कैबिनेट मंत्री का वेतन 65 हजार रुपए और राज्य मंत्री का वेतन 62 हजार रुपए प्रतिमाह है. मुख्य सचेतक का वेतन 65 हजार रुपए, उप मुख्य सचेतक का वेतन 62 हजार रुपए प्रतिमाह, नेता प्रतिपक्ष का वेतन 65 हजार रुपए प्रतिमाह है. इसके अलावा सत्कार भत्ते के रूप में मुख्यमंत्री को 85 हजार प्रतिमाह, मंत्री को 80 हजार प्रतिमाह, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सरकारी मुख्य सचेतक को 80 हजार प्रतिमाह, उप मुख्य सचेतक को 70 हजार प्रतिमाह सत्कार भत्ता मिलता है. इसी तरह मुख्यमंत्री, मंत्री, राज्य मंत्री को सरकारी मकान नहीं लेने पर 30 हजार रुपए मासिक मकान किराया भत्ता भी मिलता है.
विधायकों के वेतन और भत्ते : इसी तरह विधायकों को 40 हजार रुपए प्रति माह वेतन के साथ ही 70 हजार रुपए निर्वाचन भत्ता मिलता है. इसके अलावा दैनिक भत्ता, वाहन भत्ता, टेलीफोन भत्ता सहित कुछ और भत्ते विधायकों को मिलते हैं. रेल और हवाई भत्ता भी सालाना करीब 3 लाख रुपए है.