जयपुर. लव जिहाद को लेकर आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर सियासत भड़क गई है. भाजपा नेताओं के बाद अब विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल से जुड़े पदाधिकारी भी इस मामले में प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. विहिप (विश्व हिंदू परिषद) राजस्थान मंत्री सुरेश उपाध्याय ने केंद्र में और देश के सभी राज्यों में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाए जाने की पैरवी की, तो वहीं बजरंग दल प्रांत संयोजक अशोक सिंह ने मुख्यमंत्री का बयान वोट बैंक विशेष को खुश करने वाला बताया.
लव जिहाद को लेकर विश्व हिंदू परिषद के मंत्री का बयान सभी राज्यों में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाना चाहिए: विहिप
विश्व हिंदू परिषद राजस्थान के मंत्री सुरेश उपाध्याय ने कहा कि अशोक गहलोत यह भूल गए कि देश को बांटने का काम कांग्रेस ने किया था. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जब बना तब वहां हिंदुओं की आबादी 16.50 फीसदी थी. जो अब महज 2 फीसदी रह गई है. यही स्थिति बांग्लादेश की है, जहां महज 3 फीसदी ही हिंदू बचे हैं.
पढ़ें-लव जिहादः राष्ट्र को विभाजित करने और साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का शब्द मात्र है- सीएम गहलोत
उपाध्याय ने कहा कि राजनीतिक बयान अलग है और सरकारें भी बदलती रहती है. आज कांग्रेस की है तो कल बीजेपी की हो और सकता है बाद में दोनों की ही ना हो किसी और की हो, लेकिन अब कुछ ऐसा किया जाए जिससे आने वाली पीढ़ियां याद रखें. उन्होंने कहा कि लव जिहाद की घटनाएं पूरे देश में बढ़ रही है और ऐसी स्थिति में इस प्रकार का कानून हर राज्य में लाया जाना चाहिए और देश में भी केंद्र सरकार को ऐसा कानून बनाना चाहिए.
वोट बैंक को खुश करने वाला बयान: बजरंग दल
वहीं, बजरंग दल के प्रांत संयोजक अशोक सिंह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस बयान को वोट बैंक को खुश करने वाला बयान बताया. अशोक सिंह के अनुसार राजस्थान में लगातार कई ऐसे जिले हैं, जहां पर लव जिहाद की घटनाएं सामने आई है और इसमें लगातार इजाफा भी हो रहा है. अशोक सिंह ने कहा कि ये एक सोची-समझी रणनीति के तहत होने वाला काम है. उन्होंने कहा कि यह लव जिहाद की मुहिम एक सोची समझी साजिश के तहत हिंदुस्तान में चलाई जा रही है और इस पर रोक लगाना जरूरी है.
लव जिहाद को लेकर बजरंग दल प्रांत संयोजक का बयान गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर लिखा था कि बीजेपी ने देश को बांटने और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए लव जिहाद शब्द इजाद किया है. गहलोत ने एक के बाद एक लगातार तीन ट्वीट कर कहा था कि यह किसी अदालत में नहीं टिकेगा. प्यार में जिहाद का कोई स्थान नहीं है और शादी एक निजी फैसला है और उसमें रुकावट डालना व्यक्तिगत आजादी छीनने जैसा है.