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सचिन पर भारी गहलोत: उप मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाए गए, अब twitter पर घमासान

बागी सचिन पायलट को उप मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ पद से हटा दिया गया है. साथ ही विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया. जिसके बाद सचिन पायलट ने Tweet करके अपनी प्रतिक्रिया दी. जिसके बाद राजनेताओं के भी रिएक्शन आना शुरू हो गए.

Sachin Pilot, cm ashok gehlot
सचिन पर भारी गहलोत

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Published : Jul 14, 2020, 4:41 PM IST

Updated : Jul 14, 2020, 4:53 PM IST

जयपुर.11 जुलाई शुक्रवार से शुरू हुए राजस्थान के सियासी ड्रामे ने धीरे-धीरे अब विकराल रूप ले लिया. गहलोत और पायलट की अदावत किसी से छुपी नहीं है. लेकिन अब खुलकर जो वॉर सामने आ गए है. उनसे साफ हो गया कि गहलोत इन पर भारी पड़ रहे हैं. हालात ये हो गए कि अब सचिन पायलट की छुट्टी हो चुकी हैं. चाहे उप मुख्यमंत्री का पद हो या फिर पीसीसी चीफ की कुर्सी सब छिन गई.

सिर्फ सचिन पायलट नहीं उनके खेमे के दो कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा तक बर्खास्त कर दिया हैं. वहीं पीसीसी चीफ के पद पर गहलोत के करीबी शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को काबिज कर दिया.

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रणदीप सिंह सुरजेवाला का बयान

इस दौरान पार्टी के निर्णय से अवगत कराते हुए सुरजेवाला ने कहा कि सचिन पायलट को बीते 72 घंटे में कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया. उन्होंने कहा कि पायलट ही नहीं दोनों मंत्रियों और बाकी विधायकों से भी संपर्क करने का प्रयास किया गया. सीडब्ल्यूसी के मेंबर्स और राजस्थान के संगठन महामंत्री अविनाश पांडे ने भी उनसे कई बार बात की.

विधायकों के साथ अविनाश पांडेय

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सोनिया और राहुल का व्यक्तिगत स्नेह

सुरजेवाला ने कहा कि सचिन पायलट जो 2003 में राजनीति में आए थे, उन्हें 2004 में 26 साल की उम्र में सांसद बनाया, 32 साल की उम्र में उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया और 36 साल की उम्र में उन्हें राजस्थान कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया तो 40 साल की उम्र में उन्हें कांग्रेस पार्टी ने उपमुख्यमंत्री जैसा पद दिया. इसका कारण यह था कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी का उन पर व्यक्तिगत स्नेह था.

बागी पायलट का पहला कदम

बागी हुए राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट, कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह और कैबिनेट मंत्री रमेश मीणा को कांग्रेस पार्टी ने उनके पदों से मुक्त कर दिया है. इसके बाद सचिन पायलट ने भी अपने twitter अकाउंट से उप मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष पद हटा दिया और उसकी जगह सिर्फ अब टोंक MLA लिखा.

सचिन पायलट का twitter अकाउंट

पायलट का Tweet

इतना ही इस सब के बाद उन्होंने अपना पहला बयान जारी किया. जिसमें उन्होंने अपने विरोधियों को अलग अंदाज में कहा कि "सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं.

अविनाश पांडेय की प्रतिक्रिया

जिसके बाद राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने सचिन के Tweet पर पलटवार करते हुए, लिखा कि सत्य वचन...आपने भाजपा के साथ मिलकर सत्य को काफी परेशान किया, लेकिन पराजित नहीं कर पाए न आगे कर पाएंगे । सत्यमेव जयते ।

पढ़ें:सचिन पायलट के TWEET पर अविनाश पांडे का RETWEET, कहा- आपने BJP के साथ मिलकर सत्य को काफी परेशान किया

सीएम अशोक गहलोत का बयान

इतना ही नहीं इस पूरे प्रकरण के बाद सीएम अशोक गहलोत भी खुलकर सामने आए, राज्यपाल से मुलाकात के बाद गहलोत ने सचिन पायलट को आड़े हाथों लिया, गहलोत ने कहा कि गहलोत ने कहा कि हम खुश नहीं हैं, बड़े दुख की बात है हमें मजबूर होकर निर्णय लेना पड़ा. हमने एक बार नहीं दो-दो बार विधायक दल की बैठक बुलाई. आज विशेषकर विधायक दल की बैठक उनके लिए बुलाई गई थी, लेकिन वो नहीं आए.

अशोक गहलोत का बयान

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गहलोत के मुताबिक उनको जानकारी मिली थी कि 8 से 10 विधायक आने के लिए तैयार थे, लेकिन उनको नहीं आने दिया. यह कोई मेरी शिकायत पर निर्णय नहीं हुआ है पार्टी आलाकमान ने फैसला लिया है. गहलोत ने साफ किया कि पायलट के फ्लोर टेस्ट की मांग करना यह साफ दर्शाता है कि वह बीजेपी के इशारों पर चल रहे हैं. पार्टी फॉरम में इस तरह की डिमांड नहीं होती है, नाराजगी होती है तो पार्टी में बैठ कर की चर्चा की जाती है, अगर उन्हें मुख्यमंत्री से ऐतराज था, तो वह अपनी बात विधायक दल की बैठक में आकर बोलते.

भाजपा उपाध्यक्ष ओम माथुर का बयान

भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर ने tweet के जरिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आंख बंद करने से सूर्य का लोप नहीं होता... आपके घर का ढाँचा कमजोर है और आप भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व पर इसका आरोप लगा रहे.

अपने घर के झगड़े से ही डूबने जा रही कांग्रेस: कटारिया

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि कांग्रेस अपने घर के झगड़े से ही डूबने जा रही है. कटारिया ने कहा कि 'मैं राज्यपाल जी से भी निवेदन करना चाहता हूं कि आज की तारीख में यह अल्पमत में सरकार है, ऐसे में मंत्रिमंडल के नाम पर रेवड़ी बांटेंगे, तो वह ठीक नहीं. ऐसी स्थिति में यदि मंत्रिमंडल में पद बांट कर बहुमत सिद्ध करने का काम करेंगे तो वह लोकतंत्र के साथ चीरहरण का काम करेंगे. यदि दम है तो विधानसभा में पहले फ्लोर टेस्ट पास करें फिर मंत्रिमंडल बांटे.

राजस्थान सियासी घटनाक्रम पर बीजेपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस

प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजेंद्र राठौड़ का बयान सामने आया, राठौड़ ने कहा कि आज 3 दर्जन से अधिक 42 विधायकों का समर्थन खो चुकी गहलोत सरकार, हर विधायक के घर पर पुलिस का पहरा बैठा रखा है, यह लोकतंत्र का अपमानसरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है, इस सरकार का गिरना निश्चित मुख्यमंत्री की आखिरी चाल यह रहेगी कि एसओजी का जो नोटिस उप मुख्यमंत्री जी को दिया गया है, उनके जरिए उन्हें गिरफ्तार करके अपमानित करने का काम करेंगे.

Last Updated : Jul 14, 2020, 4:53 PM IST

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