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पुलिस की 'स्पेशल-16' टीम एक माह में जुटाएगी माफियाओं का डाटा, माफिया राज का होगा सफाया!

प्रदेश में संगठित अपराध और माफिया राज पर अंकुश लगाने को लेकर सीएम के निर्देशों के बाद राजस्थान पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ अब इस दिशा में आगे बढ़ने लगी है. इसके लिए एक दर्जन से अधिक आईपीएस अधिकारियों की एक स्पेशल टीम का गठन किया गया है. जिन्हें अलग-अलग क्षेत्रों के माफियाओं पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

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सीएम के निर्देशों के बाद पुलिस की ओर से किया गया स्पेशल-16 टीम का गठन

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Published : Jan 7, 2020, 7:41 AM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देशों के बाद अब राजस्थान पुलिस ने प्रदेश में अलग-अलग तरह के माफियाओं पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है. माफियाओं की कमर तोड़ने के लिए पुलिस मुख्यालय ने एक दर्जन से अधिक आईपीएस अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की है. सीएम गहलोत ने जब से प्रदेश में तीसरी बार सरकार की कमान संभाली है, तब से ही उनका पहला फोकस प्रदेश की कानून व्यवस्था को सही करने का रहा है. यही वजह है कि खुद अशोक गहलोत ने गृह विभाग की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली है.

सीएम के निर्देशों के बाद पुलिस की ओर से किया गया स्पेशल-16 टीम का गठन

बीते दिनों आधा दर्जन से अधिक बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुलिस अधिकारियों और गृह विभाग के साथ बैठकें की. हाल ही में सीएम ने ऐसी एक बैठक में डीजीपी भूपेंद्र सिंह यादव को प्रदेश में माफियाओं पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. मुख्यमंत्री ने कहा था कि प्रदेश में हर तरीके के माफियाओं पर पुलिस का एक्शन होना चाहिए. जिससे संगठित अपराध को कम किया जा सके. पुलिस मुख्यालय ने सीएम के निर्देशों पर काम करते हुए माफिया राज को खत्म करने की तैयारी कर ली है. डीजीपी भूपेंद्र सिंह ने एक दर्जन से अधिक आईपीएस समेत कुल 16 अधिकारियों को अलग-अलग तरह के माफियाओं पर कंट्रोल का टास्क दिया है.

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पुलिस मुख्यालय ने फिलहाल प्रदेश में 18 तरह के माफियाओं को शॉर्टलिस्ट किया है. जिनमें शराब माफिया, बजरी माफिया, कोचिंग माफिया, खनन माफिया समेत अलग-अलग तरह के माफिया शामिल है. हालांकि, पुलिस के लिए इन माफियाओं को कंट्रोल करना इतना आसान भी नहीं रहने वाला है. क्योंकि, पुलिस अभी भी जहां पुरानी तकनीक से ही काम कर रही है तो वहीं माफिया हर रोज अपराध करने के नए तरीके इजाद कर रहे हैं. एक चुनौती यह भी है कि अधिकतर जिन अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है उनके पास पहले से ही काफी काम है. ऐसे में अधिकारी कैसे बेहतर प्लानिंग कर पाएंगे इस पर आशंका के बादल छाए हैं.

इन अधिकारियों के कंधों पर अलग-अलग क्षेत्रों के माफियाओं को कंट्रोल करने की जिम्मेदारी

1. अवैध शराब तस्करी - विकास शर्मा, एसीपी सीआईडी सीबी जयपुर
2. मिलावटी व नकली पदार्थ संबंधित अपराध - शंकर दत्त शर्मा, एसीपी जयपुर ग्रामीण
3. वाहन चोरी - राहुल प्रकाश, उपायुक्त, पुलिस यातायात जयपुर
4. साइबर माफिया - अभिजीत सिंह द्वितीय, एसओजी जयपुर
5. सोशल मीडिया अपराध - अभिजीत सिंह द्वितीय, एसओजी जयपुर
6. स्टेट हाईवे एनएच हाईवे पर अवैध व्यवसायिक गतिविधियां - शंकर दत्त शर्मा, एसीपी जयपुर ग्रामीण
7. फर्जी बीमा माफिया - योगेश यादव, उपायुक्त व पुलिस जयपुर आयुक्तालय
8. भू-माफिया - प्रीति जैन, उपायुक्त पुलिस जयपुर मेट्रो
9. ब्लैक मेलिंग माफिया - करण शर्मा, एएसपी एसओजी जयपुर
10. सरकारी जमीन पर अतिक्रमण माफिया - मामन सिंह, एसीपी, जेडीए जयपुर
11. मादक पदार्थ - हेमंत शर्मा, एसपी, गंगानगर
12. अवैध हथियारों की तस्करी - दीपक भार्गव, एसपी कोटा शहर
13. मानव तस्करी - जय यादव, एसपी, डूंगरपुर
14. जाली मुद्रा की तस्करी - राजन दुष्यंत, एसपी, कोटा ग्रामीण
15. भर्ती कोचिंग नकल माफिया - गजेंद्र सिंह जोधा, एएसपी, एसओजी अजमेर
16. चिकित्सा क्षेत्र में संगठित माफिया - रवि सबरवाल, एसपी, बारां
17. गौ तस्करी में पशुधन चोरी माफिया - परिस देशमुख अनिल, एसपी, अलवर
18. अवैध खनन माफिया - केसरसिंह शेखावत, एसपी, बांसवाड़ा

इन अधिकारियों में राजधानी समेत प्रदेशभर से कई अच्छे पुलिस अधिकारियों को चिन्हित किया गया है. यह सभी अधिकारी अगले 1 महीने तक सभी तरह की जानकारी और डाटा जुटाकर डीजीपी को प्रजेंटेशन देंगे. प्रजेंटेशन के साथ ही यह अधिकारी अपनी ओर से बनाया हुआ प्लान भी डीजीपी से साझा करेंगे कि किस तरह माफियाओं को कंट्रोल किया जाएगा. वहीं, अब सीएम के निर्देशों के बाद माफियाओं को खत्म करना राजस्थान पुलिस के लिए अब नाक का सवाल बन गया है. ऐसे में अगर सच में पुलिस माफिया राज पर लगाम लगाने में सफल हो पाती है तो ये उनके खुद के आत्मसम्मान के लिए बड़ा पहलू साबित होगा.

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