जयपुर. ग्रेटर नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त के साथ मारपीट, राजकार्य में बाधा को लेकर आपराधिक षड्यंत्र के मामले में आरोप मुक्त हुई ग्रेटर नगर निगम की महापौर डॉ सौम्या गुर्जर के खिलाफ रिवीजन याचिका पर सुनवाई जारी है. इस बीच एक बार फिर सौम्या की मुश्किलें बढ़ गई हैं. हालांकि इस बार मामला उनसे नहीं बल्कि उनके पति से जुड़ा है. सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर करौली में हुए दंगे में राजाराम गुर्जर को नामजद आरोपी तो बनाया गया ही है. वहीं स्वायत्त शासन विभाग ने 2019 में करौली नगर परिषद के सेनेटरी इंस्पेक्टर के साथ मारपीट और अभद्रता के आरोप सही पाए जाने पर राजाराम गुर्जर पर 6 साल तक निर्वाचन पर भी रोक लगा दी है.
ग्रेटर नगर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर के खिलाफ नवंबर 2019 में सभापति रहते (Mayor Soumya Gurjar freed from charge of indecency) हुए करौली नगर परिषद के सेनेटरी इंस्पेक्टर के साथ मारपीट और अभद्रता का मामला दर्ज है. प्राथमिक जांच में दोषी पाए जाने पर राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 39(3) के अंतर्गत इस प्रकरण की न्यायिक जांच करवाई गई. न्यायिक जांच अधिकारी ने इसी साल 24 मार्च को राजाराम गुर्जर के खिलाफ विभाग की ओर से लगाए गए आरोपों को प्रमाणित पाया.