जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार ने घरेलू पेयजल कनेक्शन रजिस्टर्ड प्लंबर की ओर से लेने का नियम तो लागू कर दिया, लेकिन इसके लिए तैयारियां पूरी नहीं की गई हैं. प्लंबर को कहां और कैसे रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करना हैं, इसके बारे में आदेश में भी कोई जानकारी नहीं दी गई. इसलिए प्लंबर पीएचईडी विभाग के चक्कर काटने को मजबूर हो रहे हैं.
PHED विभाग के चक्कर काटने को मजबूर प्लंबर गहलोत सरकार ने कुछ दिनों पहले घरेलू पेयजल कनेक्शन के लिए रजिस्टर्ड प्लंबर की ओर से ही कराने का आदेश जारी किया है, और यह आदेश शासन उपसचिव राजेन्द्र शेखर मक्कड़ ने जारी किया था. आदेश में कहा गया है कि यदि अब कोई भी घरेलू पेयजल कनेक्शन लेगा तो उसे सारे काम रजिस्टर्ड प्लंबर से ही कराना होगा. लेकिन आदेश में एक खामी छोड़ दी गई.
आदेश में प्लंबर की योग्यता के बारे में पूरी जानकारी दी गई है. लेकिन यह नहीं बताया गया कि उसे कहा और कैसे आवेदन करना है. इस खामी को सुधारने के लिए पीएचईडी विभाग सॉफ्टवेयर अपडेट करने का प्रयास कर रहा है.
इस संबंध में जब जलदाय मंत्री बी.डी कल्ला से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हाल ही में विभाग ने आदेश निकाला है, और सॉफ्टवेयर अपडेट का काम चल रहा है. पहले भी रजिस्टर्ड नंबर से ही घरेलू पेयजल कनेक्शन दिए जाने का प्रावधान था. लेकिन पिछली सरकार ने यह व्यवस्था खत्म कर दी. हम लोग रजिस्टर्ड प्लंबर से ही कनेक्शन करवा कर व्यवस्था में सुधार लाने की कोशिश करेंगे और जल्द ही सॉफ्टवेयर भी अपडेट कर दिया जाएगा.
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बता दें कि रजिस्टर्ड प्लंबर से घरेलू पेयजल कनेक्शन नहीं कराने के कारण अवैध कनेक्शनों की संख्या लगातार बढ़ रही थी, और विभाग को राजस्व की भी हानि हो रही थी. इसी के चलते विभाग ने यह आदेश जारी किया है. अनाधिकृत एवं प्रशिक्षित प्लंबर से जल कनेक्शन करवाने के कारण पाइपलाइन भी क्षतिग्रस्त हो जाती थी. विभाग के मापदंड के अनुसार जल कलेक्शन भी नहीं होते थे.
राजस्थान जल प्रदाय नियम 1967 के अनुसार राज्य में सभी श्रेणी के जल कनेक्शन 2008 से पहले पंजीकृत प्लंबर से ही कराये जाते थे. इसके बाद भाजपा सरकार ने 2008 से घरेलू जल कनेक्शन जारी करने के लिए रजिस्टर्ड प्लंबर की आवश्यकता को समाप्त कर दिया.