जयपुर. राजस्थान में सियासी संकट थम चुका है. वहीं, पायलट बगावत के बाद कांग्रेस में लौट आए हैं, लेकिन सियासी गलियारों में बगावत के बाद गहलोत Vs पायलट कैंप का जो दो गुट बना था, वह अभी बरकरार है. पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के जन्मदिन पर हुए आयोजनों ने एक तरफ पायलट की पार्टी में शक्ति प्रदर्शन को दिखाया, लेकिन इन आयोजनों ने राजस्थान कांग्रेस के दो गुटों में होने की पोल भी खोल दी.
राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट का 43वां जन्मदिन सोमवार को जोर-शोर से मनाया गया. पूरे राजस्थान में 45 हजार यूनिट ब्लड डोनेशन भी किया गया, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. ऐसे करके एक तरफ पायलट समर्थकों ने समाज सेवा भी किया और पायलट का शक्ति प्रदर्शन भी डोनेशन के माध्यम से दिखाया गया. पायलट समर्थकों में अपने लीडर के जन्मदिन का खासा उत्साह देखा गया. जिसके तहत उन्होंने कई जगह जन्मदिन की पूर्व संध्या से ही रक्तदान शिविर का आयोजन किया.
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वहीं, सचिन पायलट के जन्मदिन पर भले ही कांग्रेस पार्टी के सभी बड़े नेताओं ने शुभकामनाएं दी हैं, लेकिन सोमवार के पायलट के जन्मदिन पर आयोजित कार्यक्रम ने साफ कर दिया है कि राजस्थान में विधायक अब दो गुटों में बांट चुके हैं. एक गुट सचिन पायलट का है, जिनके साथ भंवर लाल शर्मा को छोड़कर सभी 17 विधायक शामिल हैं, जो उनके साथ दिल्ली गए थे. हालांकि, अब पायलट के में के विधायकों में दातारामगढ़ विधायक वीरेंद्र सिंह का भी नाम जुड़ गया है. दूसरा गुट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का है, जिनके साथ बाड़ेबंदी में शामिल रहे विधायक हैं.
गहलोत कैंप के विधायकों ने नहीं लिया हिस्सा...