जयपुर. प्रदेश की पॉक्सो अदालतों में मुकदमों की त्वरित सुनवाई नहीं होने को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका पेश की गई (PIL for quick hearing in POCSO courts) है. कुणाल रावत की ओर से पेश इस जनहित याचिका में मुख्य सचिव, प्रमुख विधि सचिव व हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पक्षकार बनाया है. पीआईएल पर सप्ताह के अंत में सुनवाई हो सकती है.
पीआईएल में कहा गया कि प्रदेश में 12 साल से कम उम्र की बच्चियों सहित नाबालिगों से दुष्कर्म के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों पर गौर करें तो राजस्थान प्रदेश में दुष्कर्म के अपराध सर्वाधिक हुए हैं और पिछले दो साल के दौरान ही 11307 नाबालिगों के साथ दुष्कर्म हुआ (Minor rape cases in Rajasthan) है. इन केसों की सुनवाई के लिए मौजूदा पॉक्सो कोर्ट की संख्या बहुत कम है. प्रदेश में पॉक्सो के पेंडिंग मामलों को देखते हुए 150 से भी ज्यादा पॉक्सो कोर्ट खोलने की जरूरत है.