जयपुर. कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ ने भी मांग की है कि पीएचईडी की सेवाओं को आवश्यक सेवा में शामिल किया जाए और इस कार्य में लगे पीएचईडी कर्मचारियों का 50 लाख का बीमा किया जाए. राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ इस संबंध में मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन दे चुके हैं.
राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप पूरे देश में फैल रहा है. इसके लिए प्रदेश में लॉकडाउन है और कई जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है. कोरोना के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार ने आवश्यक सेवा से जुड़े कई कर्मचारियों, अधिकारियों, संविदा कर्मियों समेत अन्य कई कर्मचारियों को अभियान के दौरान ड्यूटी पर रहते हुए मृत्यु होने पर 50 लाख का स्वास्थ्य बीमा करने की घोषणा की है, लेकिन इस घोषणा में जन स्वास्थ्य और अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों और संविदा कर्मियों को शामिल नहीं किया गया है. ये बड़े दुख की बात है.
राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप यादव ने बताया कि जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों, संविदा कर्मी कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान कर्फ्यू ग्रस्त इलाकों में वाल्व ऑपरेट कर जल सप्लाई करना, लाइन लीकेज सही करना, पानी के प्रेशर और गुणवत्ता की जांच करना आदि कार्य अपनी पूर्ण जिम्मेदारी और निष्ठा से कर रहे हैं.
जयपुर शहर में रामगंज इलाके सहित परकोटे में करीब 150 से अधिक वाल्व ऑपरेट कर जल सप्लाई का काम कर्मचारियों, संविदा कर्मी की ओर से किया जा रहा है, लेकिन सरकार विभाग के कर्मचारियों, अधिकारियों, संविदा कर्मियों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जा रहा है.