जयपुर. पेट्रोल डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. कीमतें आमजन की पहुंच से बाहर होती जा रही हैं. हालात खराब होने लगे हैं और मांग यही है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार पेट्रोल-डीजल के दामों पर नियंत्रण करें. देखिये यह रिपोर्ट
पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान पर (भाग 1) हाल ही में 28 जनवरी को राज्य सरकार की ओर से पेट्रोल और डीजल पर 2% वैट में कमी की गई थी. जिसके बाद पेट्रोल और डीजल के दाम कुछ कम हुए थे. पेट्रोल पर वैट 36 प्रतिशत और डीजल पर 26 प्रतिशत रह गया था. बावजूद इसके पेट्रोल और डीजल के दाम हर दिन नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं.
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मौजूदा समय में पेट्रोल और डीजल की कीमतों की बात की जाए तो राजस्थान में पेट्रोल 97.10 प्रति लीटर और डीजल के दाम 89.04 प्रति लीटर पहुंच गए हैं.
14 महीने में कीमतें यूं बढ़ी
14 महीने में यूं बढ़ी कीमतें बीते 1 साल के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो लगभग 14 महीने में राजस्थान में पेट्रोल पर 19.37 रुपए और डीजल पर 17.69 रुपए की बढ़ोतरी हो चुकी है. प्रदेश के श्रीगंगानगर और जोधपुर में तो पेट्रोल के दामों ने 100 का आंकड़ा छू लिया है.
प्रदेश में महंगाई से जनता बेहाल जयपुर के स्थानीय लोगों का कहना है कि बढ़ती पेट्रोल और डीजल की कीमतों ने सामान्य आदमी की कमर तोड़ कर रख दी है. महंगाई बढ़ने के कारण घर का बजट भी बिगड़ने लगा है. टैक्सी चलाकर अपने घर का खर्चा चलाने वाले हेमंत कुमार का कहना है कि बीते कुछ साल से टैक्सी चला रहे हैं लेकिन जिस तरह से पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी हुई है उसके बाद उनके घर का बजट बिगड़ गया है.
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हाल ही में विधानसभा में प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि सरकार ने तेल पर 2% वैट घटाया है. जिसके बाद राज्य को करीब 1000 करोड़ का घाटा होगा लेकिन आंकड़ों की बात की जाए तो सरकार ने पेट्रोल से करीब 1168 करोड़ और डीजल पर 1349 करोड रुपए राजस्व प्राप्त किया.
पेट्रोल डीजल से वसूली
पेट्रोल से राजस्व
फरवरी में वैट 30% था. सरकार ने 336 करोड रुपए कमाए. 21 मार्च को लॉकडाउन लगा. ऐसे में सरकार ने पेट्रोल पर मार्च में 4%, अप्रैल में 2%, मई में 2% वैट बढ़ाया और इसके बाद पेट्रोल पर वैट कुल 38% हो गया. ऐसे में सरकार ने 1168 करोड रूपए की अतिरिक्त कमाई की.
डीजल से राजस्व
डीजल पर फरवरी में राज्य में वैट 22% था. सरकार ने 1349 करोड़ रुपए ज्यादा राजस्व प्राप्त किया. सरकार ने मार्च में 4%, अप्रैल में 1% और मई में 1% डीजल पर वैट बढ़ाया जिससे यह वैट 28% हो गया. ऐसे में सरकार ने 7 माह में 1349 करोड रुपए का राजस्व प्राप्त किया.
पेट्रोल बिगाड़ रहा रसोई का बजट इतना लगता है टैक्स
पेट्रोल और डीजल पर केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही टैक्स वसूली करती हैं. ऐसे में पेट्रोल की बेसिक प्राइस के अलावा सेंट्रल एक्साइज 32.98, स्टेट वेट 24.94, रोड सेस 1.50, डीलर कमीशन 3.43 और टीसीएस 0.06 रुपए वसूल की जाती है. इसके अलावा डीजल की बेसिक प्राइस के अलावा सेंट्रल एक्साइज 31.83, स्टेट वेट 17.81, रोड सेस 1.75, डीलर कमीशन 2.22 और टीसीएस 0.06 रुपए वसूला जाता है.
14 महीने में राजस्थान में पेट्रोल पर 19.37 रुपए महंगा महंगाई बढ़ेगी
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार महासंघ का पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर कहना है कि बीते कुछ समय से तेल के दाम नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं. ऐसे में महासंघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि इसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ेगा क्योंकि तेल की कीमत बढ़ने के साथ ही ट्रांसपोर्टेशन महंगा होता है, ऐसे में खाद्य पदार्थ की कीमतों में बढ़ोतरी होती है और इसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ता है.
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राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप
उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सीएम अशोक गहलोत पर ट्विटर के माध्यम से सवाल करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने 26 माह के शासनकाल में 4 बार वैट में बढ़ोतरी की है. वहीं पेट्रोल डीजल की कीमतों को लेकर राजनीतिज्ञ एक दूसरे पर जमकर वार-पलटवार कर रहे हैं. लेकिन पेट्रो पदार्थों की कीमतें धरातल पर कब आएंगी, इसका जवाब किसी के पास नहीं है.