जयपुर. मार्च में प्रदेश की गहलोत सरकार (Gehlot Government In Rajasthan ) अपना बजट पेश करने जा रही है. बजट में सरकार अपना पिटारा जनता के लिए खोलती है. आगामी बजट की तैयारियों के लिए विशेषज्ञों से संवाद शुरू हो गया है. कोरोना काल मे आने वाले इस बजट में भले ही अभी 3 महीने का समय हो, लेकिन गहलोत सरकार जानती है कि यह बजट कितना महत्वपूर्ण है.
अन्य राज्यों के बराबर दाम करने पर मंथन
वित्त विभाग से जुड़े अधिकारियों ने इस बजट को सभी वर्गों को साधने वाला बजट कैसे बनाया जाए इसको लेकर सुझाव लेना शुरू कर दिया है. जिसमें सबसे ज्यादा जोर पेट्रोल-डीजल के दामों (Petrol and Diesel Price In Rajasthan) पर है कि किस तरह इन्हे अन्य राज्यों के बराबर लाया जाए. माना जा रहा है कि सरकार इस बार बजट में फिर पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट (Rajasthan Government may Reduced VAT Of Petrol And Diesel) को कम कर सकती है. सरकार के अधिकारी इस बात पर मंथन और सुझाव ले रहे हैं कि किस तरह से राजस्थान में भी पेट्रोल और डीजल पर वैट को पड़ोसी राज्यों के समान किया जाए.
विशेषज्ञों से मिले ये सुझाव
- विशेषज्ञों ने एमनेस्टी स्कीम को बढ़ाए जाने
- टैक्स एकेडमी जयपुर और अन्य संभागों में भी खोलने
- पेट्रोल और डीजल पर वैट को पड़ोसी राज्यों के समकक्ष करने
- जीएसटी ई-मेल हेल्पलाइन को फिर से सुचारू करने
- लग्जरी टैक्स को स्पष्ट करने
- स्टाम्प ड्यूटी कम करने
- रॉयल्टी पर टैक्स को तर्कसंगत करने
- हैंडीक्रॉफ्ट-हैंडलूम उद्योग को बढ़ावा दिये जाने के लिए टास्क फोर्स का गठन करने के सुझाव
- इन्ट्रा-सिटी संव्यवहारों पर ई-वे बिल की बाध्यता को खत्म करने
- जीएसटी ट्रिब्यूनल की स्थापना करने के लिए भी सुझाव दिए.
- कोरोना काल में बंद हुए रेस्टोरेंट्स इंडस्ट्री को फिर से उभारने
- राजस्थान औद्योगिक विकास नीति को और अधिक मजबूत करने
- व्यापारियों और आम जनता से जुड़े आदेशों, सूचनाओं का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने के सुझाव दिये.
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यह बजट महत्वपूर्ण क्यों
गहलोत सरकार सम्भवतः मार्च 2022 में अपना बजट (Rajasthan government 2022 budget) पेश करने जा रही है. लेकिन सरकार का यह चौथा बजट इसलिए भी महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसके बाद सरकार चुनावी माहौल में चली जाती है. आखरी बजट में सरकार किसी भी तरह की घोषणा करती है तो उसे चुनावी लोक लुभावन कहा जाता है. ऐसे में किसी भी सरकार का चौथा बजट महत्वपूर्ण होता है.
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इन अधिकारियों के पास जिम्मेदारी
प्रमुख शासन सचिव (वित्त) अखिल अरोड़ा की अध्यक्षता में आगामी बजट वित्तीय वर्ष 2022-23 की तैयारी के लिए अलग अलग संगठनों , विशेषज्ञों, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स से बजट संबंधी सुझाव आमंत्रित कर रहे हैं. अरोड़ा के साथ, शासन सचिव (राजस्व) टी. रविकान्त, वाणिज्यिक कर विभाग के मुख्य आयुक्त रवि जैन, संयुक्त शासन सचिव (कर) टीना डाबी शामिल हैं.