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पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से लोग परेशान, डीजल बिक्री में 30 फीसदी की गिरावट...सरकार से वैट और सेस कम करने की मांग

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Published : Oct 20, 2021, 8:13 PM IST

Updated : Oct 20, 2021, 10:12 PM IST

प्रदेश में पेट्रोल-डीजल के दामों में इजाफे का दौर लगातार जारी है. जिसकी वजह से पेट्रोल-डीजल की कीमत हर दिन अपना ही रिकॉर्ड तोड़ रही है. त्योहारी सीजन में पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों ने आम आदमी को मुश्किल में डाल दिया है.

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राजस्थान में लगातार बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल के दाम

जयपुर.प्रदेश में लगातार पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ते जा रहे हैं. त्योहारी सीजन में पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने से आमजन निराश और परेशान हैं. पिछले 27 दिन में पेट्रोल-डीजल में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली है. 27 दिन में पेट्रोल 5.25 रुपए और डीजल 6.59 रुपये महंगा हुआ है. तेल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी से पेट्रोल-डीजल की बिक्री कम हुई है. वहीं लोग पड़ोसी राज्यों से डीजल-पेट्रोल भरवा कर लौट रहे हैं.

तेल के दामों में बढ़ोतरी होने से पेट्रोल-डीजल की बिक्री में करीब 30 फीसदी तक की गिरावट आई है. इसके चलते सरकार को राजस्व का नुकसान होने के साथ ही पेट्रोल डीलर्स को भी नुकसान हुआ है. पेट्रोलियम डीलर्स की ओर से पेट्रोल डीजल पर वैट और सेस कम करने की मांग की जा रही है. पेट्रोलियम डीलर्स की मानें तो प्रदेश में अवैध बायोडीजल की बिक्री से भी काफी नुकसान हो रहा है. अवैध बायोडीजल के विरोध में 25 अक्टूबर से पेट्रोल पंप बंद करके अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का निर्णय लिया गया है. बीकानेर संभाग समेत विभिन्न जिलों में पेट्रोल पंप 25 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे.

पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से लोग परेशान

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राजस्थान पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनीत बगई ने बताया कि बहुत दुख की बात है कि भारत में सबसे ज्यादा महंगा पेट्रोल-डीजल राजस्थान में है. इसका मुख्य कारण राज्य सरकार की ओर से लगाया गया सर्वाधिक वेट और रोड सेस है. इसकी वजह से राजस्थान में पेट्रोल-डीजल पड़ोसी राज्यों से 11 रुपये लीटर महंगा है. पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश हमसे सस्ता पेट्रोल-डीजल दे रहे हैं.

पेट्रोल-डीजल महंगा होने के कारण राजस्थान में बिक्री 30 प्रतिशत कम हो गई है. इससे जनता की जेब पर भी भारी असर पड़ रहा है. लोग पड़ोसी राज्यों में जाकर पेट्रोल-डीजल लेकर आ रहे हैं. जिस तरह से किसी समय में बजरी माफिया और शराब माफिया का नाम आता था आज की तारीख में तेल माफिया का नाम आ रहा है. तेल पड़ोसी राज्यों से तो आ ही रहा है, लेकिन गुजरात से विभिन्न प्रकार के तेल राजस्थान में लाकर सस्ते दामों पर बेचा जा रहा है. जिससे काफी प्रभाव पड़ रहा है. बाहर से आ रहे तेल से गाड़ियों को नुकसान हो रहा है. इसके साथ ही प्रदूषण स्तर भी बढ़ रहा है और राज्य सरकार को राजस्व का भी घाटा हो रहा है.

पिछले 1 वर्ष का आकलन किया जाए तो राजस्थान में 30 फीसदी पेट्रोल-डीजल की बिक्री कम हुई है. अगर सरकार वेट और रोड सेस घटा दे तो पेट्रोल-डीजल की बिक्री वापस बढ़ जाएगी. इससे जनता पर भी बोझ कम पड़ेगा. राज्य सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी. उम्मीद करते हैं कि राजस्थान के अधिकारी इस पर विचार करेंगे.

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उन्होंने बताया कि बायोडीजल गुजरात और अन्य राज्यों से आ रहा है. बायोडीजल से राजस्थान को कोई फायदा नहीं है. बायोफ्यूल के नाम पर गलत तरीके का डीजल आ रहा है. बायोफ्यूल से राजस्व का नुकसान हो रहा है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का आर्डर है कि यूरो 6 फ्यूल ही गाड़ियों के उपयोग उपभोग में लाया जाए. लेकिन राजस्थान सरकार ने बायोफ्यूल डीजल की बिक्री का प्रावधान कर बड़ा नुकसान कर लिया है.

इससे एनजीटी के ऑर्डर का उल्लंघन हो रहा है, लेकिन किसी ने भी ध्यान नहीं दिया है. सरकार 10 साल पुरानी गाड़ी को स्क्रैप करने का आदेश दे रही है. दूसरी तरफ बायोफ्यूल के नाम पर विभिन्न प्रकार के तेल बेचे जा रहे हैं जिससे प्रदूषण बढ़ रहा है.

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बायोफ्यूल के विरोध में जोधपुर में पेट्रोल डीलर्स ने हड़ताल की थी. अब बीकानेर और चूरू में हड़ताल की जाएगी. धीरे-धीरे पूरे राजस्थान में हड़ताल होगी. पेट्रोल पंपों की बिक्री कम हो गई है. प्रदेश में 1200 से 1300 पेट्रोल पंप बंद होने की कगार पर हैं, जिन्होंने महीने भर में एक गाड़ी भी तेल की नहीं भेजी है. पेट्रोल पंप बंद हो गए तो सरकार को भी भारी पड़ेगा. राजस्थान की बॉर्डर पर 2 से ढाई हजार पेट्रोलियम डीलर्स का रोजगार संकट में आ गया है. इसके साथ ही पेट्रोल पंप से जुड़ा व्यवसाय ढाबा, चाय की दुकान, पंचर की दुकान, मिस्त्री का कारखाना, बैटरी वर्कशॉप, नाई की दुकान समेत ट्रक वालों के काम आने अन्य व्यवसाय बंद होते जा रहे हैं.

Last Updated : Oct 20, 2021, 10:12 PM IST

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