जयपुर.प्रदेश में लगातार पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ते जा रहे हैं. त्योहारी सीजन में पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने से आमजन निराश और परेशान हैं. पिछले 27 दिन में पेट्रोल-डीजल में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली है. 27 दिन में पेट्रोल 5.25 रुपए और डीजल 6.59 रुपये महंगा हुआ है. तेल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी से पेट्रोल-डीजल की बिक्री कम हुई है. वहीं लोग पड़ोसी राज्यों से डीजल-पेट्रोल भरवा कर लौट रहे हैं.
तेल के दामों में बढ़ोतरी होने से पेट्रोल-डीजल की बिक्री में करीब 30 फीसदी तक की गिरावट आई है. इसके चलते सरकार को राजस्व का नुकसान होने के साथ ही पेट्रोल डीलर्स को भी नुकसान हुआ है. पेट्रोलियम डीलर्स की ओर से पेट्रोल डीजल पर वैट और सेस कम करने की मांग की जा रही है. पेट्रोलियम डीलर्स की मानें तो प्रदेश में अवैध बायोडीजल की बिक्री से भी काफी नुकसान हो रहा है. अवैध बायोडीजल के विरोध में 25 अक्टूबर से पेट्रोल पंप बंद करके अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का निर्णय लिया गया है. बीकानेर संभाग समेत विभिन्न जिलों में पेट्रोल पंप 25 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे.
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राजस्थान पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनीत बगई ने बताया कि बहुत दुख की बात है कि भारत में सबसे ज्यादा महंगा पेट्रोल-डीजल राजस्थान में है. इसका मुख्य कारण राज्य सरकार की ओर से लगाया गया सर्वाधिक वेट और रोड सेस है. इसकी वजह से राजस्थान में पेट्रोल-डीजल पड़ोसी राज्यों से 11 रुपये लीटर महंगा है. पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश हमसे सस्ता पेट्रोल-डीजल दे रहे हैं.
पेट्रोल-डीजल महंगा होने के कारण राजस्थान में बिक्री 30 प्रतिशत कम हो गई है. इससे जनता की जेब पर भी भारी असर पड़ रहा है. लोग पड़ोसी राज्यों में जाकर पेट्रोल-डीजल लेकर आ रहे हैं. जिस तरह से किसी समय में बजरी माफिया और शराब माफिया का नाम आता था आज की तारीख में तेल माफिया का नाम आ रहा है. तेल पड़ोसी राज्यों से तो आ ही रहा है, लेकिन गुजरात से विभिन्न प्रकार के तेल राजस्थान में लाकर सस्ते दामों पर बेचा जा रहा है. जिससे काफी प्रभाव पड़ रहा है. बाहर से आ रहे तेल से गाड़ियों को नुकसान हो रहा है. इसके साथ ही प्रदूषण स्तर भी बढ़ रहा है और राज्य सरकार को राजस्व का भी घाटा हो रहा है.