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SPECIAL: एक तो Corona का कहर, दूसरा Petrol-Diesel की मार...लोगों की जेब पर बढ़ रहा भार - Rajasthan News

प्रदेश में लोगों पर एक ओर जहां कोरोना का कहर छाया हुआ है, तो वहीं दूसरी महंगाई ने भी सबका बुरा हाल किया है. प्रदेश में पेट्रोल-डीजल के दाम इस समय रिकॉर्ड हाई पर बने हुए हैं. लोगों ने सरकार से पेट्रोल और डीजल के दाम कम करने की मांग की है.

Petrol and diesel prices in Rajasthan,  Corona epidemic
लोगों की जेब पर बढ़ रहा भार

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Published : May 17, 2021, 9:49 PM IST

जयपुर.देश वैसे ही कोरोना महामारी से जूझ रहा है. अब पिछले कुछ दिनों से लगातार तेल के बढ़ते दामों से जनता परेशान हो गई है. कोरोना संक्रमण काल में लॉकडाउन की वजह से जहां लोग बेरोजगार हो चुके हैं, आवक के साधन नगण्य हो गए. अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. महंगाई आसमान छू रही है. ऐसे में पेट्रोलियम पदार्थ के दामों में वृद्धि होने से उपभोक्ताओं की जेब पर असर होने लगा है. पेट्रोलियम पदार्थ के दाम में बढ़ोतरी से घरेलू बजट पर भी असर होने लगा है.

लोगों की जेब पर बढ़ रहा भार

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5 राज्यों में चुनाव खत्म होने के बाद तेल कंपनियों ने पेट्रोल के दाम 100 रुपए प्रति लीटर तक पहुंचा दिया है. चुनाव खत्म होने के बाद ही दाम बढ़ने शुरू हो गए थे. चुनाव के बाद पेट्रोल और डीजल लगातार बढ़ता ही जा रहा है. रविवार को पेट्रोल पर 26 पैसे और डीजल पर 29 पैसे दाम बढ़ाया गया. जयपुर में पेट्रोल के दाम 99.08 रुपए प्रति लीटर और डीजल के दाम 91.92 रुपए प्रति लीटर हो गए हैं.

लगातार दामों में हो रही बढ़ोतरी

पेट्रोलियम डीलर्स का कहना है कि इसी तरह दामों में बढ़ोतरी होती रही तो सप्ताह भर में पेट्रोल ट्रिपल डिजिट में मिलना शुरू हो जाएगा. अप्रैल और मई में कोरोना का कहर लगातार बरप रहा है. ऐसे में कोरोना के कहर के बीच लोगों पर पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से दोहरी मार पड़ रही है. मई के महीने में लगातार पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते जा रहे हैं. 2 मई के बाद पेट्रोल 2.38 रुपए और डीजल 2.53 रुपए प्रति लीटर महंगा हुआ है.

इस तरह बढ़े दाम

चुनाव के बाद वादे भूल जाती है सरकार

लोगों का कहना है कि चुनाव खत्म होते ही पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी हो रही है. चुनाव से पहले सरकारी बड़े-बड़े वादे करती है, लेकिन चुनाव के बाद सब भूल जाती है. यह जनता के साथ धोखा है. लोगों का कहना है कि पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी होने से आमजन की जेब पर बहुत ज्यादा बाहर पड़ रहा है. काम धंधे बंद हैं, इनकम नहीं हो रही है लेकिन जरूरी काम के लिए वाहनों में पेट्रोल-डीजल की जरूरत पड़ती है. पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से महंगाई भी बढ़ रही है. ट्रांसपोर्ट सेवाएं भी महंगी हो जाती है. इससे कई खाद्य वस्तुएं भी महंगी हो रही है. लोगों का वाहन चलाना भी काफी महंगा हो गया है.

पेट्रोल भरवाते लोग

मध्यमवर्गीय परिवारों की कमर तोड़ दी गई

पेट्रोल लेने पहुंचे ग्राहकों ने सरकार को कोसते हुए कहा कि पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाकर मध्यमवर्गीय परिवारों की कमर तोड़ दी गई है. सरकार को सोचना चाहिए कि लॉकडाउन लगा हुआ है इस समय रोड पर केवल वही लोग हैं, जो सेवा कर रहे हैं. इस समय वही वाहन चल रहे हैं, जो जरूरत के सामानों की आपूर्ति कर रहे हैं. ऐसे में पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ना काफी चिंतनीय है.

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