जयपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय में जयपुर नगर निगम के कार्यकाल समाप्त होने के बाद पूर्व में निकाय के सदस्य रहे पार्षदों को तथा पूर्व में काम कर रही समितियों को प्रशासकीय समिति के रूप में जारी रखने की गुहार लगाई गई है. जिसके तहत एक जनहित याचिका राजस्थान उच्च न्यायालय में दाखिल हुई है. इस पर शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में सुनवाई होगी.
कठपुतली नगर निवासी ओपी टाक ने अपने अधिवक्ता डॉ. अभिनव शर्मा के माध्यम से याचिका पेश की गई है. जिसमें कहा है कि राज्य सरकार द्वारा नगरपालिका अभियान की धारा 320 के तहत शक्तियों का गलत इस्तेमाल करते हुए केवल एक ही व्यक्ति को दोनों नगर निगम का प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त कर दिया है, जबकि राज्य सरकार द्वारा जयपुर नगर निगम को दो भागों में तोड़ने के निर्णय के विरुद्ध याचिका दायर की गई है.
नगर निगम पार्षदों के कार्यकाल को जारी रखने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका पेश - rajasthan news
राजस्थान उच्च न्यायालय में जयपुर नगर निगम के कार्यकाल समाप्त होने के बाद पूर्व में निकाय के सदस्य रहे पार्षदों को तथा पूर्व में काम कर रही समितियों को प्रशासकीय समिति के रूप में जारी रखने की गुहार लगाई गई है. जिसके तहत एक जनहित याचिका राजस्थान उच्च न्यायालय में दाखिल हुई है.
नगर निगम पार्षदों के कार्यकाल को जारी रखने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका पेश
जिसमें यह कथन किया गया था कि दोनों नगर पालिका अलग-अलग हैं. वहीं वर्तमान में जो बोर्ड के सदस्य जयपुर नगर निगम की मंडल के रूप में काम कर रहे हैं, वह संबंधित के नगर निगम के बोर्ड माने जाएंगे. ऐसे में अब जब जयपुर नगर निगम का कार्यकाल समाप्त हो गया है तो उन सभी बोर्ड के सदस्यों को समिति के रूप में राज्य सरकार को धारा 320 के तहत जारी रखना चाहिए था, जबकि ऐसा नहीं किया गया.
Last Updated : May 24, 2020, 6:16 PM IST