जयपुर.अक्षय तृतीया और पीपल पूर्णिमा को शादी के लिए स्वयंसिद्ध अबूझ मुहूर्त माना जाता है. कोरोना संक्रमण के बीच सरकार, सामाजिक संगठनों ने शादियां टालने की अपील की है. सरकार की बार-बार अपील के बाद भी प्रदेश में 31 मई तक 13000 शादी समारोह होने की सूचना राज्य सरकार की ओर से जारी पोर्टल पर आ चुकी है.
फेरे फिर हो जाएंगे, जिंदगी न मिलेगी दोबारा अक्षय तृतीया के दिन बिना मुहूर्त देखे शादियां की जाती हैं. पौराणिक कथाओं में इसे कभी क्षय नहीं होने वाली तिथि कहा गया है. इसीलिये यह विवाह आदि के लिए अबूझ क्षेष्ठ मुहूर्त है. इस दिन को इतना ज्यादा शुभ माना जाता है कि इस दिन बिना ज्योतिषीय परामर्श के भी विवाह संपन्न कराए जाते हैं. इस बार कोरोना वायरस की दूसरी लहर से बचाव के चलते चौतरफा यही अपील हो रही है कि 14 मई से 30 मई तक होने वाले शादी समारोह टाल दिए जाएं.
सामाजिक संगठनों की अपील, शादी टालें बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि यह ऐसा वक्त है जब हमें इस तरह के शादी समारोह को टालना चाहिए. क्योंकि खुशियों में किसी तरह की अनहोनी नहीं होनी चाहिए. परिवार और समाज के हित में संभव हो तो शादी समारोह को टाल दें. नहीं तो कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए ही सीमित लोगों में इस तरह के आयोजन करें. वहीं ब्राह्मण समाज अध्यक्ष पंडित सुरेश मिश्रा ने अपील करते हुए कहा कि यह वक्त ऐसा है इसमें हमें सुरक्षित रहना है. इसके लिए जरूरी है कि हमें इस वक्त होने वाले शादी समारोह को टालना चाहिए. कहीं ऐसा नहीं हो कि खुशियां मातम में बदल जाएं. इस समय जरूरी है कि मानव हित में हम इस तरह के समारोह को टालें. जल्दी हम इस कोरोना वैश्विक महामारी को हराकर सामान्य जीवन में आएंगे. जब तक जरूरी है कि हम कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए कोरोना की चेन को तोड़ने में सरकार की मदद करें.
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चौंकाने वाली बात ये है कि सरकार की बार-बार अपील के बाद भी प्रदेश में 31 मई तक 13000 शादी समारोह होने की सूचना राज्य सरकार की ओर से जारी पोर्टल पर आ चुकी है. इन सब ने सरकार की पोर्टल पर आवेदन कर समारोह की अनुमति मांगी है. लेकिन इतनी बड़ी संख्या में पोर्टल पर आए आवेदनों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. यही वहज से है कि गृह विभाग प्रमुख सचिव अभय कुमार ने डीजीपी को इसकी जानकारी देते हुए निर्देशित किया है कि वो इस बात को सुनिश्चित करें कि इन समारोह में कोरोना गाइड लाइन की पालना हो.
हालांकि अक्षय तृतीया और पीपल पूर्णिमा के ज्यादातर आयोजन ग्रामीण क्षेत्रों में होते हैं. जहां पर कोरोना की दूसरी में ज्यादा संक्रमण फैल रहा है. सामाजिक कार्यकर्ता सुमन देवठिया ने अपील की है इस वक्त संक्रमण का दूसरा खतरा लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में सभी को इस बात की जिम्मेदारी सुनिश्चित करनी चाहिए कि हम इस तरह के समारोह का आयोजन नहीं करें.
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सामाजिक कार्यकर्ता मनीषा सिंह जालोर जिले की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि परिवार की लापवाही की वजह से एक मासूम से उसका सुहाग छिन गया. ऐसी कोई अनहोनी दोबारा किसी और के साथ न हो, इसके लिए हमें अभी शादी विवाह के आयोजन टालने पड़ेंगे.
सरकारी पोर्टल पर 31 मई तक होने वाली 13 हजार शादियों के लिए मांगी गई परमिशन वहीं मुस्लिम समाज के धर्म गुरुओं ने भी आम जन से अपील की है वे किसी भी तरह के समारोह से बचें. राजस्थान हज वेलफेयर सोसायटी के महासचिव हाजी निजामुद्दीन ने कहा कि ये ऐसा वक्त है जब हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि हम समाजहित में फैसले लें. इसलिए आप लोगों से अपील है कि कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए जो भी त्योहार हैं उन्हें घर में मनाएं. शादी समारोह को अभी टाल दें.