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हमें उम्मीद थी कि जहां विधायक जीते हुए हैं वहां प्रदर्शन बेहतर रहेगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका : खाचरियावास

जयपुर हेरिटेज में निर्दलीयों की सहायता से कांग्रेस का बोर्ड बनेगा, जबकि जयपुर ग्रेटर में भाजपा का बोर्ड बनेगा. नगर निगम चुनाव का परिणाम आने के बाद मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि जहां विधायक जीते हुए हैं वहां प्रदर्शन बेहतर रहेगा. लेकिन विधायक उम्मीद से कमजोर नजर आए.

Performance of MLA and Minister of Rajasthan Congress,  Municipal Corporation Election Results
नगर निगम चुनाव

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Published : Nov 3, 2020, 9:18 PM IST

जयपुर. राजस्थान में जयपुर, जोधपुर और कोटा के सभी 6 नगर निगमों में अब तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है. जोधपुर उत्तर और कोटा उत्तर में कांग्रेस पूर्ण बहुमत में है तो जयपुर नगर निगम हेरिटेज में कांग्रेस भले ही पूर्ण बहुमत में ना हो, लेकिन जो 11 निर्दलीय जीते हैं उनके सहारे कांग्रेस आसानी से अपना बोर्ड बना लेगी. यही हालात कोटा दक्षिण के भी हैं, जहां कांग्रेस-भाजपा दोनों पार्टियों के बराबर पार्षद जीते हैं. लेकिन निर्दलीयों का कांग्रेस के साथ जाना लगभग तय है.

राजस्थान कांग्रेस के विधायक और मंत्री का परफॉर्मेंस

ऐसे में कहा जा रहा है कि कांग्रेस 4 नगर निगम में बोर्ड बनाने की स्थिति में है. जयपुर हेरिटेज और जयपुर ग्रेटर की बात की जाए तो यहां से राजस्थान सरकार के दो मंत्री लालचंद कटारिया और प्रताप सिंह खाचरियावास, मुख्य सचेतक महेश जोशी और चार विधायक जिनमें बगरू से गंगा देवी, किशनपोल से अमीन कागजी और आदर्श नगर से रफीक खान शामिल हैं. ऐसे में दोनों नगर निगम में कांग्रेस के 10 में से 6 विधायक थे, लेकिन जयपुर ग्रेटर में कांग्रेस पार्टी चुनाव हार चुकी है.

पढ़ें-जोधपुर दक्षिण नगर निगम में भाजपा का दबदबा, 80 में से 43 सीटों पर जमाया कब्जा

जबकि जयपुर हेरिटेज के लिए कहा जा रहा था कि कांग्रेस ने अपनी जीत के आधार पर परिसीमन कर बनाया है. वहां भी दो मंत्रियों समेत चार विधायक 50 फीसदी या उससे कम से ही चुनाव में कांग्रेस को जीत दिला सके हैं. खुद मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास जो जयपुर के जिला अध्यक्ष हैं, उनकी विधानसभा सिविल लाइंस में 24 में से 13 पार्षद जीते हैं जो आधे से कुछ ज्यादा हैं.

वहीं, हवा महल से आने वाले मुख्य सचेतक महेश जोशी 26 में से 10 पार्षद को जीता सके हैं. इसी तरीके से कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारिया अपने 22 वार्ड में से महज 4 वार्ड में ही जीत दिला पाए हैं. ऐसे में मंत्रियों का परफॉर्मेंस काफी हद तक खराब ही माना जा सकता है.

जयपुर हेरिटेज में कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों का परफॉर्मेंस...

  • सिविल लाइंस- सिविल लाइंस से परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास विधायक हैं. सिविल लाइंस विधानसभा में 24 सीटें हैं, जिनमें से 13 सीट कांग्रेस ने जीती है. ऐसे में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का परफॉर्मेंस करीब 51 फीसदी है, जो एक मंत्री के लिहाज से कम है.
  • हवा महल- हवा महल विधानसभा से मुख्य सचेतक महेश जोशी आते हैं. इस विधानसभा सीट से महेश जोशी का परफॉर्मेंस अच्छा नहीं कहा जा सकता क्योंकि 26 सीटों में से केवल 10 कांग्रेस के प्रत्याशियों को जीत मिली है. हालांकि इन 10 के अलावा 4 निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं, वह अल्पसंख्यक हैं. ऐसे में इनका समर्थन भी कांग्रेस को मिलेगा. लेकिन खुद कांग्रेस के 26 में से 10 ही पार्षद महेश जोशी जीता सके, जिसे अच्छा नहीं माना जा सकता. यहां मुख्य सचेतक महेश जोशी के खुद के वार्ड से कांग्रेस प्रत्याशी को हार मिली है.
  • किशनपोल- किशनपोल कांग्रेस विधायक अमीन कागजी किशनपोल विधानसभा से आते हैं. किशनपोल विधानसभा में 21 वार्ड हैं, जिनमें से कांग्रेस के 9 पार्षद जीते हैं. वहीं, 4 अल्पसंख्यक निर्दलीय भी जीते हैं, लेकिन कांग्रेस के खुद के विधायक का परफॉर्मेंस 50 फीसदी से खासा कम रहा है.
  • आदर्श नगर- आदर्श नगर से विधायक रफीक खान हैं. आदर्श नगर में 25 वार्ड हैं. इनमें से एक जगह कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी नहीं उतारा था, लेकिन 25 में से कांग्रेस के 13 पार्षदों ने जीत हासिल की है. वहीं, 2 निर्दलीय पार्षद मुस्लिम जीते हैं, जो संभवतः कांग्रेस के साथ जाए.

जयपुर ग्रेटर से मंत्री-विधायकों का परफॉर्मेंस...

  • झोटवाड़ा- लालचंद कटारिया झोटवाड़ा विधानसभा के विधायक भी हैं और प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं. झोटवाड़ा में 22 वार्ड हैं, जिनमें से कांग्रेस के केवल 4 पार्षद चुनाव जीते हैं. ऐसे में यह परफॉर्मेंस बहुत खराब माना जाएगा. यहां तक कि मंत्री लालचंद कटारिया के ओएसडी जयकुमार जैन के बेटे अंकित जैन पार्षद का चुनाव हार गए.
  • बगरू- बगरू से गंगा देवी विधायक हैं. बगरू में 21 वार्ड है, जिनमें से कांग्रेस के महज 10 पार्षद ही जीते हैं. यहां तक की विधायक गंगा देवी के देवर पहलाद रघु की पत्नी सीता रघु भी चुनाव हार गई.

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