राजस्थान

rajasthan

SPECIAL : चैत्र नवरात्र पर कैसे करें शुभ कलश स्थापना...जानें शुभ मुहूर्त में पूजन विधि

By

Published : Apr 12, 2021, 9:26 PM IST

Updated : Apr 13, 2021, 7:16 AM IST

घट स्थापना के साथ ही शक्ति की उपासना का महापर्व नवरात्रों का आरंभ हो जाता है. इस बार नवरात्र हिन्दू नववर्ष 13 अप्रैल से प्रारंभ हो रहे हैं, जो 21 अप्रैल को रामनवमी पर खत्म होंगे. घट स्थापना किस मुहूर्त में किस विधि से करें, जानिए पंडित राजेश शर्मा से.

Chaitra Navratri Ghat Establishment Muhurta
चैत्र नवरात्र मंगलवार से शुरू

जयपुर. चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा की तिथि से मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की आराधना होगी. चैत्र नवरात्र आरंभ हो रहे हैं. हिन्दू धर्म में नवरात्र का विशेष महत्व होता है और इस बार हिन्दू नववर्ष पर ही नवरात्रों का शुभारंभ हो रहा है. भक्त 9 दिनों तक व्रत रखकर माता की भक्ति में लीन रहेंगे. इससे पहले प्रथम दिन शुभ मुहूर्त के अनुसार ही घटस्थापना करने का विधान है.

चैत्र नवरात्र मंगलवार से शुरू

कलश स्थापना का मुहूर्त सुबह 5.38 से 9.38 बजे

कलश स्थापना के साथ ही शक्ति की उपासना का महापर्व नवरात्रों का आरंभ हो जाता है. इस बार इस बार हिन्दू नववर्ष 13 अप्रैल को प्रारंभ हो रहा है, जो 21 अप्रैल को रामनवमी पर खत्म होगा. नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की आराधना का विधान है और देवी के आव्हान के लिए घट स्थापना का सुबह व्दिस्वभाव लग्न शुभ बताया गया है. इस बार सर्वार्थसिद्धि योग के अलावा कुमार योग, अमृत योग और रवि योग का विशेष संयोग में ज्योतिष शास्त्र में बेहद शुभ माना गया है, जो पूजा अभीष्ट सिद्धि देगा.

किस दिन किस देवी की होगी पूजा

ऐसे में मंगलवार को सुबह 5.38 बजे से 9.38 बजे तक घटस्थापना मुहूर्त रहेगा. इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त 11.29 बजे से 12.38 बजे तक घटस्थापना कर सकेंगे. जिसमें माँ दुर्गा के प्रथम स्वरूप माँ शैलपुत्री की स्थापना की जाएगी. इसके अलावा सभी भक्त चौघड़िए के हिसाब से भी घट की स्थापना कर सकते हैं.

पढ़ें- अजमेरः देश का एकमात्र मंदिर जहां मां के नौ रूपों का होता है दर्शन, आशीष पाने दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु

कलश स्थापना करते समय ये ध्यान रखें...

हर साल नवदुर्गा अलग-अलग वाहन से धरती पर आती हैं और इस बार माँ दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएंगी. ऐसे में उनकी कलश स्थापना करते समय पूजन विधि को लेकर भी कई बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. जिस पर ज्योतिष आचार्य राजेश शर्मा ने कहा कि सबसे पहले घट स्थापना करते समय एक मिट्टी का कलश लेकर उसमें स्वच्छ जल भरकर उसमें गंगाजल, गुलाबजल डालना चाहिए. शास्त्रों का मानना है कि सभी पवित्र नदियों का जल इसमें समावित होना चाहिए और उनकी विचारों के साथ घट स्थापना का शुभारंभ करें.

कैसे करें कलश स्थापना, जानें

उसके बाद मंत्रोच्चार करते माँ दुर्गा के 9 रूपों का ध्यान करें. वहीं लाल कपड़े पर जुहारें बिछाकर मिट्टी के दीपक को प्रज्वलित करें और चावल रखकर एक नारियल चढ़ाएं. ध्यान रहे नारियल का मुख आपकी तरफ होना चाहिए और उसके ऊपर लाल वस्त्र पहनाकर मोली चढ़ा दें. फिर माँ दुर्गा की विधि-विधान से पूजा करें.

नवरात्र में किस दिन कौनसी देवी को होगी विशेष पूजा

नवरात्र में 9 दिनों तक भक्त व्रत रखते हैं. व्रत को आध्यात्म की पहली सीढ़ी कहा गया है. व्रत का तात्पर्य होता है अपने इंद्रियों को वश में करने की विधि. फिर यहीं से हम व्रत की शुरुआत करते हैं और माता के सामने एक संकल्प लेते हैं कि वो 9 दिन तक उनकी पूजा करेंगे और अखण्ड या फिर एक समय भोजन करने का प्रण लेते हैं. उसी उपवास के तप में माँ दुर्गा को प्रसन्न करने का भक्त प्रयास करता है. शास्त्रों के अनुसार नवरात्र पर माता जल्दी अपने भक्तों पर प्रसन्न हो जाती हैं. नवरात्र पर देवी मां अपने सच्चे भक्तों पर विशेष कृपा रहती हैं. ऐसे में नवरात्र पर देवी मां जिन भक्तों पर प्रसन्न होती हैं उन्हें शुभ आशीर्वाद देती है.

Last Updated : Apr 13, 2021, 7:16 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details