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कोरोना से जागरूक केवल बयानों तक सीमित...राजनेता ही नहीं करते एडवाइजरी की पालना, सुनिए लोगों ने क्या कहा - अनलॉक 1

प्रदेश में कोरोना से बचाव के लिए जारी एडवाइजरी की पालना करने के निर्देश हैं. वहीं, बीजेपी या कांग्रेस दोनों पार्टियों के जनप्रतिनिधि इन नियमों की अवहेलना कर रहे हैं. ऐसें में आमजन में नाराजगी है.

राजस्थान बीजेपी, corona advisory in Rajasthan
जनप्रतिनिधि ही कर रहे नियमों की अवहेलना

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Published : Jun 26, 2020, 7:21 PM IST

जयपुर.कोरोना से बचाव के लिए केंद्र और राज्य सरकार लगातार कोरोना से बचाव के लिए नियमों की पालना करने की अपील कर रही है, लेकिन प्रदेश में जनप्रतिनिधि ही नियमों की अवहेलना कर रहे हैं. ऐसे में आमजन का कहना है कि जनता जनप्रतिनिधि को देखती है, उन्हें फॉलो करती है. ये लोग नियमों को नहीं मान कर गलत कर रहे हैं.

जनप्रतिनिधि ही कर रहे नियमों की अवहेलना

कोरोना से बचाव के लिए देश के प्रधानमंत्री से लेकर प्रदेश मुख्यमंत्री तक लगातार अपील जारी कर लोगों से मेडिकल एडवाइजरी की पालना करने की अपील कर रहे हैं. फिर चाहे सोशल डिस्टेंसिंग की बात हो या फिर बार-बार हाथ धोने की अपील. प्रदेश सरकार तो जागरूकता के लिए 30 जून तक विशेष अभियान भी चला रही है, लेकिन क्या हमारे जनप्रतिनिधि खुद जागरूक हैं. अनलॉक 1 में जिस तरह राजनीतिक कार्यक्रम हो रहे हैं. उनमें ही मेडिकल एडवाइजरी की पूरी तरह पालना नहीं हो रही, जिससे आमजन भी हैरान है.

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दरअसल, अनलॉक 1 में एकाएक प्रदेश में सियासी सरगर्मियां बढ़ गई. बीजेपी जहां वर्चुअल रैली और सभाएं करके आमजन को कोविड-19 के इस दौर में सोशल डिस्टेंसिंग का मैसेज तो दे रही है, लेकिन दूसरी ओर पार्टी के स्तर पर बिजली पानी के बिल माफी को लेकर मंडल स्तर तक भाजपा कार्यकर्ता एकत्रित होकर बिजली और पानी के दफ्तरों में पहुंच रहे हैं. जहां सोशल डिस्टेंसिंग की अवहेलना होती आसानी से देखी जा रही है.

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केवल बीजेपी ही नहीं, बल्कि सत्तारूढ़ कांग्रेस भी इस काम में पीछे नहीं है. भारत-चीन सीमा पर शहीद हुए सैनिकों का नमन के लिए शुक्रवार को शहीद स्मारक पर हुआ कार्यक्रम इसका उदाहरण है. कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता बड़ी संख्या में इसमें जुटे.

लिहाजा, सोशल डिस्टेंसिंग की तो अवहेलना हुई. ऐसे में आमजन का कहना है कि जनता सरकार को देखती है. ऐसे में नियमों की धज्जियां उड़ाना अच्छी बात नहीं है. कोराना काल में जागरूकता की बात करने वाले राजनेता ही जनता के बीच वो नजीर पेश नहीं कर पा रहे, जिसकी उन्हें जरूरत है.

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