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Special : Red Zone में आने वाले जयपुर जिले के गांवों में नहीं थमी जिंदगी, अभी भी लगती है चौपाल

सड़कों पर लोगों की आवाजाही, घर के बाहर चौपाल सा नजारा, और छोटी दुकानों के बाहर युवाओं का जमावड़ा. ये नजारा है जयपुर के पालेड़ा गांव का. जहां लॉकडाउन के समय भी सब कुछ सामान्य तरीके से चल रहा है.

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Published : May 3, 2020, 7:12 PM IST

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जयपुर जिले के गांवों में नहीं थमी जिंदगी

जयपुर. प्रदेश में कुल कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 2,832 पर पहुंच गया है. वहीं प्रदेश में 3 मरीजों की मौत इस बीमारी के चलते हुई है. जिसके बाद मौत का आंकड़ा 71 हो गया है. वहीं राजधानी में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में जयपुर को रेड जोन एरिया घोषित किया हुआ है. यहां कई थाना क्षेत्र तो ऐसे हैं, जहां अभी भी कर्फ्यू लगा हुआ है.

जयपुर जिले के गांवों में नहीं थमी जिंदगी

सामान्य रूप से चल रही लाइफ

इसी के ठीक विपरीत जयपुर जिले में आने वाले गावों में जिंदगी सामान्य नजर आती है. यहां पूरी तरह लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हो पा रही है. यहां तक कि ग्रामीणों के पास अब तक मास्क तक की सुविधा नहीं है. जयपुर से तकरीबन 22 किलोमीटर दूर इस गांव में जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची, तो यहां जिंदगी सामान्य नजर आई.

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दुकानों भी अभी भी होती है भीड़

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन के बीच यहां गली मोहल्लों में नजारा आम दिनों जैसा ही दिखा. जगह-जगह दुकानों में लोगों की भीड़, जहां सोशल डिस्टेंसिंग की पालना भी नहीं की जा रही. यहां तक कि लोग बिना मास्क ही एक दूसरे के संपर्क में आ रहे हैं. जबकि कोरोना वायरस के जानलेवा संक्रमण से बचने के लिए लोगों के बीच अनिवार्य है. कम से कम एक मीटर की सामाजिक दूरी रखने के निर्देश है. बावजूद इसके यहां लोग बेपरवाह दिखे.

जयपुर का पालेड़ा गांव

ग्रामीणों के पास मास्क ही नहीं

इस संबंध में जब ग्रामीणों से बात की तो उन्होंने बताया कि उनके पास मास्क नहीं है. कुछ ने बताया कि सुबह और शाम ही लोगों की आवाजाही रहती है. बाकी लोग घर में ही रहते हैं. वैसे तो गांव से एक बड़ा तबका शहर में नौकरी के लिए आता था, लेकिन अब रोजगार नहीं मिलने से वो भी गांव में ही बने हुए हैं. हालांकि यहां कुछ युवाओं ने समझदारी दिखाते हुए मुंह पर रुमाल जरूर लगाया और ग्रामीणों से भी यही अपील की कि वो लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करें.

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बहरहाल, इस लॉकडाउन में गांव में रहने वाले सैकड़ों लोगों का रोजगार खत्म हो गया है. ऐसे में ये लोग अब गांव में ही अपने खेतों में जाने लगे हैं. इस लॉकडाउन के चलते गांव में एक बार फिर रौनक जरूर लौटी है. लेकिन फिलहाल जरूरत है सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन की पालना की, ताकि कोरोना संक्रमण गांव में पैर ना पसारे.

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