जयपुर. आरक्षण समेत विभिन्न मांगों को लेकर एक बार फिर गुर्जर समाज पुराने ट्रैक पर आ डटा है. हर बार की तरह इस बार भी गुर्जर आंदोलन का केंद्र भरतपुर जिले के बयाना तहसील स्थित पीलूपुरा ही बना हुआ है. कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के निर्देश के बाद दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक को जाम करके समाज के लोग बैठे हुए हैं. शाम होते-होते समाज की महिलाएं भी बच्चों को साथ में लेकर रेलवे ट्रैक पर पहुंच कर आंदोलन का समर्थन किया. महिलाओं ने हाथों में लाठियां ले रखी थी. आंदोलन के दूसरे दिन रेलवे ट्रैक पर पहुंचे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने सरकार को दो-टूक जवाब देते हुए कहा कि मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा.
बैंसला ने समाज के लोगों को रेलवे ट्रैक पर बैठकर संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हम अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं और करते रहेंगे. हमारी सबसे बड़ी मांग है बैकलॉग. उन्होंने कहा कि इसका जिक्र कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी किया था. हमारी मांग वाजिब है, हमारी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा. बैंसला ने मंत्री अशोक चांदना को लेकर कहा कि वे काफी लेट पहुंचे थे, इसलिए उनसे मुलाकात नहीं हो सकी और वे किसी काम से वापस चले गए.
पढ़ेंःगुर्जरों ने भरी हुंकार, बोले- आर-पार की लड़ाई के लिए हैं तैयार...सरकार को दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम
रात में उनका यहां आना सही नहीं था. हमने कहा कि वे दिन में आएं, लेकिन उन्हें जरूरी काम था, इसलिए वे चले गए. मैं उम्मीद करता हूं कि सरकार का कोई ना कोई नुमाइंदा आएगा और आना चाहिए. गुर्जर आंदोलन को इस बार कर्नल बैंसला के साथ ही उनके बेटे विजय बैंसला भी धार देने में जुटे हैं. विजय बैंसला रेलवे ट्रैक पर समाज के लोगों के बीच बैठे हुए हैं. दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर करीब 400 से 500 लोगों की भीड़ बताई जा रही है.
गुर्जर समाज के एक बार फिर आंदोलन की राह पकड़ने के बाद से प्रदेश के कई हिस्से में ट्रेनों से लेकर बसों का संचालन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक से गुजरने वाली करीब 20 ट्रेनों में से जहां लंबी दूरी की कई ट्रेनों के मार्ग परिवर्तित किए गए हैं. वहीं, जयपुर से दौसा, भरतपुर, करौली, धौलपुर आदि रूट की बसों का संचालन बंद कर दिया गया है.
पढ़ेंःदौसा के गुर्जरों ने कहा, कर्नल बैंसला अपने बेटे को राजनीति में स्थापित करने के लिए बैठे हैं ट्रैक पर
गौरतलब है कि आरक्षण आंदोलन को लेकर कर्नल कि हुंकार से पहले समाज का एक गुट (जिसमें 41 सदस्य शामिल थे) गुर्जर नेता हिम्मत सिंह को साथ लेकर सरकार के प्रतिनिधि मंत्री रघु शर्मा, अशोक चांदना के साथ वार्ता करते हुए 14 बिंदुओं पर समझौता कर लिया था. लेकिन बैकलॉग पर सरकार की ओर से त्वरित कोई समाधान नहीं होने से नाराज कर्नल बैंसला ने इस समझौते को मानने से इनकार कर दिया. वे समाज के लोगों के साथ पीलूपुरा पहुंचे. यहां संबोधित करने के बाद एक बार फिर आंदोलन करने का निर्णय करते हुए रेलवे की पटरी पर आ डटे.
इन स्थानों पर लगा रखा है जाम...
गुर्जर आंदोलन के बीच समाज के लोगों ने दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रेक पर पीलूपुरा में जाम लगा रखा है. पीलूपुरा के पास से गुजर रहा स्टेट हाईवे हिंडौन-बयाना के मार्ग पर भी जाम लगा रखा है. वहीं, अजमेर के मांगलियावास से ब्यावर की ओर आने वाला रास्ते को गुर्जरों ने जाम कर दिया.