जयपुर. नागरिकता संशोधन कानून और एन आर सी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स) के विरोध में रविवार को मुस्लिम सहित अन्य संगठनों ने राजधानी में विशाल प्रदर्शन किया. वहीं, रैली में ऐसे लोग भी आए जो नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का विरोध करने आए थे, लेकिन जिनको इस कानून और एनआरसी के बारे में जानकारी नहीं थी. बस विरोध हो रहा था, इसलिए विरोध करने आ गए.
लोगों को नहीं है CAA और NRC की जानकारी जयपुर के मुसाफिर खाने के पास हुए इस प्रदर्शन में मुस्लिम समाज के हर वर्ग के लोगों ने भाग लिया. इन लोगों ने नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में जमकर नारेबाजी की, लेकिन इनमें से कई लोगों को तो नागरिकता संशोधन कानून के बारे में पूरी जानकारी नहीं थी. अधिकतर लोगों ने इसे काला कानून बताया और समुदाय विशेष से जोड़कर बात की.
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लोगों ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी में मुस्लिम लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. इस कानून से मुस्लिम ही नहीं हिंदुओं को भी परेशानी है. सबने नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को गलत बताकर इसे हटाने की मांग की. उन्होंने कहा कि मुसलमानों को नागरिकता संशोधन कानून में शामिल नहीं किया गया है, जो की पूरी तरह गलत है.
वहीं, एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि पहले ही देश में बेरोजगारी है और यदि देश के अन्य लोगों को यहां की नागरिकता दे दी गई तो बेरोजगारी और बढ़ेगी. सभी ने मोदी के खिलाफ नारे लगाए. लोगों ने कहा कि मुस्लिम हिन्दुतान के साथ है और रहेगा, वह हिंदुस्तान से मोहब्बत करता है.
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बता दें कि सबने इसे धार्मिक आधार पर ही जोड़कर देखा और एनआरसी को लेकर भी युवाओं ने कहा कि इससे मुसलमानों को बाहर निकाला जाएगा. उन्होंने कहा कि मोदी मुसलमानों को बाहर निकलना चाहते हैं. NRC के लिए दस्तावेजों के बारे में भी प्रदर्शन कर रहे लोग सही जानकारी नहीं दे पाए. कई लोगों ने नागरिकता संशोधन कानून को एनआरसी से जोड़ा.