भीनमाल (जालोर).करीब दस साल पूर्व पाकिस्तान से करीब 50 से 60 परिवार जालोर जिले के भीनमाल के पास स्थित वाडाभाडवी आश्रम व कई अन्य स्थान में आकर रुके थे. इनमें अधिकांश देवासी समाज के लोग थे. जिन्हे महंतों व लोगों की मदद से रहने के लिए स्थान दिया गया. मगर आज कई साल बीत जाने के बाद कई परिवार भारत की नागरिकता के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं.
भारत की नागरिकता नहीं होने के चलते इन परिवारों को आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पाकिस्तान से आये लोगों का कहना है कि हम भीनमाल क्षेत्र में आकर बस गए, जिससे हमारी जान तो बच गई, लेकिन आज भी उनके मन में इस बात का भय कि कहीं उन्हें नागरिकता नहीं मिली तो उन्हें देश से बेदखल ना कर दिया जाए.
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पाकिस्तान में उनपर ढ़हे जुल्म-ओ-सितम की कहानी बयां करते हुए परिवार के एक सदस्य ने हमें बताया कि वहां हर समय जान का खतरा रहता था. ऐसे में उन्होंने पाकिस्तान छोड़ भारत आना पड़ा. यहां आकर उनकी जिंदगी तो बच गई लेकिन बसर करने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं. सबसे बड़ी समस्या तो दो जून की रोटी की है. कभी कभी छोटा-मोटे काम के बदले मिलने वाली मजदूरी से बड़ी मुश्किलों से वे परिवार का पोषण कर पाते हैं.
भारत की नागरिकता के इंतजार में लोग पाकिस्तान को छोडऩा, हमारी मजबूरी थी
पाकिस्तान से आए जीवाराम देवासी बताते हैं कि चाय बेचकर अपने परिवार को पाल रहे हैं. उनका कहना है कि दस साल पूर्व पाकिस्तान को छोडऩे के पीछे कई कारण थे. जिसमे धर्म परिवर्तन, जानलेवा हमला, लुट, व्यापार नहीं करने देना जैसे समस्याएं आए दिन उनके सामने पेश होती थी.
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देवासी ने बताया कि हिंदू होने के कारण वहां के लोगों के अत्याचार सहने पड़ते थे. वहां हुकूमत भी उनकी कोई बात नहीं सुनती थी और कोई मदद मिलती थी. इसके चलते करीब 500 से 600 लोगों ने वहां से पलायन कर जालोर जिले के भीनमाल क्षेत्र में शरण ली. वर्तमान समय में अधिकांश परिवार गुजरात में जाकर बस गए हैं.
नागरिकता का कर रहे है इंतजार
भीनमाल, धानसा सहित आस पास क्षेत्र में वर्तमान समय में भी कई परिवार ऐसे हैं जो भारत की नागरिकता मिलने का इंतजार कर रहे हैं. नागरिकता नहीं मिलने के कारण उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा. पाकिस्तानी नागरिकता होने के चलते ना तो इन्हें कोई स्थाई रोजगार मिलता है और ना ही कोई सुविधा. नौकरी, मजदूरी नहीं मिलने के चलते किराये पर रहने में ही सारी आमदनी खर्च हो जाती है. ऐसे में इन परिवारों ने गुहार लगाई है कि उन्हें जल्द से जल्द भारत की नागरिकता मिले ताकि उनके संकट दूर हो सकें. ब्यूरो रिपोर्ट ईटीवी भारत भीनमाल, जालोर