जयपुर.कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच जयपुर शहर की एक बड़ी आबादी सरकारी अस्पताल जाने से बचा रही है. ये लोग सामान्य बिमारी में भी सरकारी अस्पताल नहीं जा रहें हैं. कारण साफ है की इन अस्पतालों को कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए डेडीकेटेड कर दिया गया है. इन अस्पतालों में राजकीय जयपुरिया अस्पताल और ईएसआई अस्पताल प्रमुख हैं. जिसे डेडीकेटेड किए जाने का विरोध लगातार हो रहा है.
पूर्व चिकित्सी मंत्री ने जयपुरिया अस्पताल को आम जनता के लिए रखने को कहा एक बार फिर पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से आग्रह किया है कि सांगानेर, बगरू और मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र की 10 लाख आबादी के लिए कम से कम जयपुरिया अस्पताल को तो कोरोना के अलावा अन्य सामान्य बीमारियों के उपचार के लिए ही सुरक्षित रखें. ताकि क्षेत्र की जनता इस सरकारी अस्पताल में बिना भय के अपना उपचार कराने आ सके.
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मालवीय नगर से भाजपा विधायक कालीचरण सराफ का यह भी कहना है कि एसएमएस अस्पताल में पहले ही कोरोना संक्रमित रोग का उपचार चल रहा है जिससे वहां अन्य बीमारियों से जुड़े लोग जाने से कतराने लगे हैं. वहीं जयपुरिया अस्पताल और ईएसआई अस्पताल को भी कोरोना मरीजों के उपचार के लिए डेडीकेटेड कर दिया. जिससे अब इन क्षेत्रों के मरीज भी इन अस्पतालों में भय के कारण नहीं आ पा रहे.
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कालीचरण सराफ के अनुसार जयपुर अस्पताल में मालवीय नगर सांगानेर के साथ ही बगरू विधानसभा क्षेत्र की भी एक बड़ी आबादी अपने उपचार के लिए आती थी. लेकिन अब इन क्षेत्रों के लोगों को प्राइवेट अस्पताल और डॉक्टरों की तरफ रुख करना पड़ रहा है. लेकिन वहां भी इन्हें राहत नहीं मिल पा रही बल्कि संकट के समय आर्थिक रूप से परेशानी झेलना पड़ रही है.