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SPECIAL: पानी के लिए लगती है धूप में लंबी लाइनें, लोगों ने कहा- प्यास से बेहतर है कोरोना की मौत - जयपुर कोरोना वायरस अपडेट

जयपुर शहर के शिव कुंडा तलाई इलाके में लोगों को पानी के लिए लंबी-लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है. इन दिनों कोरोना संक्रमण का खतरा होने के बावजूद भी लोग सोशल डिस्टेंसिंग को भूलकर पानी के लिए लाइनों में लग रहे हैं. ऊपर से 45 डिग्री की तपा देने वाली गर्मी कड़ी परीक्षा ले रही है. शिव कुंडा तलाई इलाके में लोगों के पेयजल का एकमात्र सहारा टैंकर ही है. इस इलाके में करीब 4 हजार घर हैं. लोग पानी के इंतजार में सुबह से ही लाइनें लगाकर खड़े हो जाते हैं और टैंकर को आते ही भीड़ टूट पड़ती है. इससे सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ती हुई नजर आती है.

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पानी के लिए लगती है धूप में लंबी लाइनें

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Published : May 31, 2020, 2:59 PM IST

जयपुर. तेज गर्मी के साथ ही शहर में पानी का संकट भी खड़ा होने लगा है. राजधानी के आमेर इलाके में कई कॉलोनियों में पानी के लिए हाहाकार-हाहाकार मचा हुआ है. पीने के लिए लोगों को दूर-दराज इलाकों में जाकर पानी लाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.

पानी के लिए लगती है धूप में लंबी लाइनें

दरअसल, शहर के शिव कुंडा तलाई इलाके में लोगों को पानी के लिए लंबी-लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है. इन दिनों 45 डिग्री तापमान और कोरोना संक्रमण का खतरा होने के बावजूद भी लोग सोशल डिस्टेंसिंग को भूलकर पानी के लिए लाइनों में लग रहे हैं. शिव कुंडा तलाई इलाके में लोगों के पेयजल का एकमात्र सहारा टैंकर है. इलाके में करीब 4 हजार घर है जोकि पानी के लिए टैंकर पर ही आधारित है. लोग पानी के इंतजार में सुबह से ही लाइने लगाकर खड़े हो जाते हैं और टैंकर को आते ही भीड़ टूट पड़ती है. इससे सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ती हुई नजर आती है.

धूप में लगानी पड़ती है लाइनें

कई बार तो पानी के लिए आपस में झगड़े भी हो जाते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि पानी की प्यास से मरने से अच्छा तो कोरोना से ही मर जाएंगे. छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी दिनभर पानी के लिए लाइनों में लगे रहते हैं. बच्चे भी बर्तन लेकर परिजनों के साथ लाइनों में लगकर दिनभर पानी ही भरते हैं. इससे बच्चों की पढ़ाई भी ठीक से नहीं हो पाती है. इलाके में करीब 3 टैंकर पानी की सप्लाई के लिए दी जाती है, लेकिन तीन टैंकर से भी काम नहीं बनता.

सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां

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पानी के इंतजार में धूप में खड़े होना पड़ता है

स्थानीय लोग अपने घरों के काम को छोड़कर कड़ी धूप में पानी के इंतजार में लगे रहते हैं. कई लोगों का तो नंबर ही नहीं आ पाता और खाली बर्तन लेकर ही वापस उनको घर लौटना पड़ता है. लोगों ने कई बार जनप्रतिनिधियों और प्रशासन को भी अवगत कराया, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ. हालांकि पहले एक टैंकर पानी सप्लाई दी जाती थी, लेकिन अब उसको बढ़ाकर तीन टैंकर कर दिए गए. लेकिन यह तीन टैंकर भी क्षेत्र के लोगों के लिए कम पड़ते हैं. क्षेत्र में पानी की अधूरी पाइप लाइन तो डाली गई है, लेकिन उसमें अभी तक सप्लाई शुरू नहीं हुई. ऐसे में स्थानीय लोगों की मांग है कि जो पाइप लाइन इलाके में डाली गई है उसमें पानी भी शुरू कर दिया जाए, ताकि लोगों की पानी की समस्या दूर हो सके.

पानी ले जाने के लिए मजबूर

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कोरोना संक्रमण का खतरा भी बना रहता है

स्थानीय निवासी राधा कृष्ण ने बताया कि तेज गर्मी पढ़ रही है, जिससे पानी की ज्यादा समस्या हो रही है. लॉकडाउन में भी लोग दिन भर पानी की लाइनों में खड़े रहते हैं. पानी के लिए इस तरह की भीड़ होने से कोरोना संक्रमण का खतरा भी बना रहता है. अगर किसी को भी कोरोना होता है तो ऐसे में कई लोग इसकी चपेट में आ सकते हैं.

जलदाय विभाग ने रोड की खुदाई करके अधूरी पाइपलाइन तो डाल दी, लेकिन आज तक पानी नहीं आया. पानी की इतनी समस्या है कि लोग कई किलोमीटर दूर से पानी के लिए आते हैं. कई बार तो पानी के लिए आपस में झगड़े भी हो जाते हैं. कोरोना संकट के चलते सरकार साफ सफाई की बात करती है, लेकिन घर में तो पीने के लिए पानी नहीं है.

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