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राज्य सेवाओं के कार्मिकों का आईएएस बनने का रास्ता साफ, 17 साल की सेवा होगी अनिवार्य - राज्य सेवाओं के कार्मिक बन सकते आईएएस

अब राज्य सेवाओं के कार्मिकों का आईएएस बनने का रास्ता साफ हुआ है. इसके लिए वित्त विभाग ने आंतरिक स्क्रीनिंग की प्रक्रिया के नियम तय कर दिए हैं. वहीं इसके लिए कुछ मापदंड भी तय किए गए है.

राज्य सेवाओं के कार्मिक बन सकते आईएएस, State services personnel can become IAS
राज्य सेवाओं के कार्मिकों का आईएएस बनने का रास्ता साफ

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Published : May 9, 2020, 12:11 AM IST

जयपुर.राज्य की अन्य सेवाओं से आईएएस सेवा में विशेष चयन के लिए वित्त विभाग ने शुक्रवार को आंतरिक स्क्रीनिंग की प्रक्रिया के नियम तय कर दिए हैं. इसके लिए कई मापदंड बनाए गए हैं.

जिसमें वार्षिक कार्य मूल्यांकन का 60 प्रतिशत वेटेज रखा गया है. शैक्षणिक योग्यताओं का 24 प्रतिशत वेटेज रखा गया है. इनके अतिरिक्त विशेष पुरस्कारों को 3 प्रतिशत, स्किल्स और परफॉर्मेंस को 5 प्रतिशत और फील्ड पोस्टिंग के आधार पर 8 प्रतिशत का वेटेज दिया गया हैं.

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फील्ड पोस्टिंग के वेटेज में तीन मापदंड तय किए गए हैं. इनमें सभी संभागीय मुख्यालय को छोड़कर अन्य जिलों में तीन या अधिक वर्ष की फील्ड पोस्टिंग के 8 फीसदी वेटेज, जयपुर संभागीय मुख्यालय पर सेवा पर 4 फीसदी और जयपुर के अलावा अन्य संभागीय मुख्यालयों पर दी गई सेवा के लिए 6 फीसदी का वेटेज आंतरिक स्क्रीनिंग के लिए तय किया गया हैं.

इसके साथ ही आईएएस के चयन की रिक्ति तिथि से ठीक 10 वर्ष पूर्व के कार्य मूल्यांकन को ही विचार से लिया जाना तय किया गया है. इसमें एक वित्तीय वर्ष को चार-चार माह के तीन खंडो पर विभाजन करके विचार किया जाएगा. हर एक तिहाई भाग के लिए 2 अंक निर्धारित किए गए है.

वहीं आंतरिक स्क्रीनिंग में शामिल होने वाले अन्य राज्य सेवाओं के कार्मिकों की वास्तविक, निरंतर और नियमित 17 वर्ष की सेवा होना अनिवार्य की गई हैं. इसमें 9 वर्ष की सेवा डिप्टी कलेक्टर के समकक्ष होना जरूरी होगा.

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इसके बाद की शेष 8 साल की सेवा वास्तवित, निरंतर और नियमित होनी चाहिए. इसके साथ ही पिछले 10 वर्ष में उसके खिलाफ किसी भी तरह के जुर्माने या कार्रवाई का प्रावधान नहीं होना चाहिए. साथ ही उत्कृष्ट सेवा अभिलेख, राज्य सेवा में स्थाईकरण होना चाहिए. इनके अतिरिक्त अन्य मापदंड भी तय किए गए हैं.

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