जयपुर. पौष का महीना शुरू होते ही शहरवासियों को देव स्थानों पर पौषबड़ा प्रसादी का इंतजार रहता है. शहर वासियों का यह इंतजार अब खत्म हो गया है. शहर के विभिन्न मंदिरों में हलवा और पौषबड़ों का भोग लगने के साथ श्रद्धालुओं को पौषबड़ा प्रसादी वितरित की गई. राजधानी जयपुर के आमेर स्थित नई माता मंदिर में पौषबड़ा महोत्सव का आयोजन हुआ.
नई माता मंदिर में पौषबड़ा महोत्सव का आयोजन इस अवसर पर नई माता मंदिर सहित वीर हनुमान मंदिर और भगवान भोलेनाथ के दरबार में भव्य मनमोहक झांकियां सजाई गई. सभी देवालयों में पौषबड़ा और हलवे का भोग लगाया गया. दूर-दूर से भक्त माता के दरबार में पहुंचे और धोक लगाई. हजारों की संख्या में भक्तों ने माता के दरबार में पंगत प्रसादी ग्रहण की. जयवीर हनुमान युवा विकास मंडल की ओर से पौषबड़ा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. सभी देवालयों में भोग लगाने के बाद सर्वप्रथम संतों को भोजन प्रसादी करवाई गई. जिसके बाद दूरदराज से आए भक्तों ने प्रसादी ग्रहण की.
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जयवीर हनुमान युवा विकास मंडल के अध्यक्ष जगदीश प्रसाद सैनी ने बताया कि नई माता मंदिर में आयोजित पौषबड़ा कार्यक्रम में करीब 20 हजार श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है. सभी भक्तों ने माता के दरबार में धोक लगाकर पंगत प्रसादी ग्रहण की. मंडल संयोजक जगन्नाथ प्रसाद ने बताया कि नई माता और हनुमान मंदिर में पौषबड़ा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. पिछले 18 वर्षों से हर साल भव्य पौषबड़ा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि नई माता मंदिर और हनुमान मंदिर काफी प्राचीन है. जहां रोजाना काफी संख्या में श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचते हैं.
क्या है पौषबड़ा?
पौषबड़ा महोत्सव एक ऐसा उत्सव है, जो हिंदू पंचांग के पौष महीने में मनाया जाता है. जिसमें दाल की पकौड़ी बनाई जाती ह. जिसका भगवान को भोग लगता है. जिसे पौषबड़ा कहा जाता है. जयपुर में अनेकों देवालयों में पौषबड़ा महोत्सव का आयोजन काफी समय से किया जा रहा है. विभिन्न मंदिरों में दाल के बड़े और गर्म हलवे का प्रसाद भगवान को चढ़ाया जाता है. जिसके बाद भक्तों को प्रसादी वितरित की जाती है. पौष का महीना दान के लिए भी बहुत ही शुभ माना जाता है. जयपुर के मंदिरों में पौषबड़ा महोत्सव बहुत ही प्रचलित हो चुका है. पौष के महीने में जयपुर में ऐसा कोई मंदिर नहीं बचा होगा, जहां पौषबड़ा महोत्सव नहीं मनाया जाता हो.