जयपुर.कोरोना काल में अस्पताल पहुंचने वाले सामान्य मरीजों की संख्या में काफी कमी आई है. मरीजों में कोरोना को लेकर भय व्याप्त है, जिसके कारण मरीज अस्पताल नहीं पहुंच रहे हैं. कोरोना काल से पहले अस्पतालों में मरीजों का मेला लगा रहता था, लेकिन जब देश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन लगाया गया तो अस्पतालों में सामान्य मरीजों की संख्या में काफी कमी आ गई.
राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल की बात की जाए तो वैश्विक महामारी कोरोना वायरस फैलने के बाद SMS अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल बना दिया गया था. इसके बाद अस्पताल की ओपीडी को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया और इस दौरान अस्पताल में गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों का ही इलाज किया जा रहा था.
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जयपुर में कोरोना को लेकर जब हालात सामान्य हुए तो 1 जून से सवाई मानसिंह अस्पताल को कोविड-19 मुक्त कर दिया गया. इसके बाद कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज आरयूएचएस (Rajasthan University of Health and Science) में किया जाने लगा. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही थी कि कोरोना मुक्त होने के बाद सवाई मानसिंह अस्पताल में पहले की तरह ओपीडी शुरू हो सकेगी, लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी अस्पताल में ओपीडी की संख्या काफी कम है. वहीं, ओपीडी में कमी का सबसे बड़ा कारण लोगों में व्याप्त भय माना जा रहा है.
आंकड़ों की बात करें तो कोरोना काल से पहले सवाई मानसिंह अस्पताल में आमतौर पर 8 से 10 हजार मरीजों की रोज ओपीडी हुआ करती थी. लेकिन कोरोना काल के बाद अस्पताल में जब ओपीडी शुरू हुई तो एक महीना बीत जाने के बाद भी अस्पताल में महज दो से ढ़ाई हजार की ओपीडी देखने को मिल रही है.