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Parking Issue in Jaipur: बाजारों में पार्किंग प्लेस नहीं, कई जगह हो रही अवैध वसूली...सरकारी पार्किंग खाली - ETV bharat rajasthan News

जयपुर के हेरिटेज क्षेत्र में बाजारों में पार्किंग को लेकर आए दिन विवाद की स्थिति (Parking Issue in Jaipur) बन जाती है. पार्किंग की टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं होने से पुराने ठेकेदार लोगों से मनमानी वसूली कर रहे हैं.

Parking Issue in Jaipur
जयपुर में पार्किंग की समस्या

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Published : Jun 19, 2022, 9:44 AM IST

जयपुर. हेरिटेज क्षेत्र में रामनिवास बाग और चौगान स्टेडियम जैसी बड़ी भूमिगत पार्किंग सुविधा होने के बावजूद भी बाजारों में पार्किंग (Parking Issue in Jaipur) को लेकर आए दिन विवाद की स्थिति बन जाती है. इन बाजारों में हेरिटेज निगम पार्किंग की टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाया है. पुराने ठेकेदार यहां लोगों से मनमानी वसूली कर रहे हैं. परकोटे के बाजारों में पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल रही, वहीं सरकारी पार्किंग खाली पड़ी रहती है. आरोप तो ये तक है कि बाजारों और सरकारी पार्किंग में कुछ गाड़ियां स्थानीय लोगों की है, जो यहां परमानेंट खड़ी रहती है.

जयपुर के परकोटा इलाके के बाजार किशनपोल, जौहरी बाजार, चौड़ा रास्ता समेत बाकी बाजारों में पार्किंग का ठेका नहीं दिया जा सका है. ऐसे में हेरिटेज नगर निगम (Heritage Nagar Nigam) की बाजारों के बाहर होने वाली पार्किंग पर साइड इफेक्ट देखने को मिल रहा है. यहां की पार्किंग में स्थानीय निवासी और व्यापारी हर समय अपनी गाड़ियां लगाए रखते हैं. जिससे व्यापार तो प्रभावित होता ही है, साथ ही यहां आने वाले ग्राहकों और टूरिस्ट को पार्किंग की समस्या का सामना करना पड़ता हैं. पहले निगम ने जौहरी बाजार की पार्किंग के लिए तीन घंटे की पार्किंग का टेंडर किया था. लेकिन 79 लाख रुपए की दरें कम होने से मेयर ने आपत्ति जताई. इसके बाद 95 लाख के टेंडर निकाले गए. लेकिन इसमें किसी फर्म ने रुचि ही नहीं दिखाई.

हेरिटेज क्षेत्र में पार्किंग का 'खेला'

पार्किंग स्पॉट फिक्स करे सरकार: चौड़ा रास्ता, बापू बाजार, नेहरू बाजार की पार्किंग के लिए भी कॉन्ट्रेक्ट की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है. जयपुर व्यापार महासंघ से जुड़े पदाधिकारी और व्यापारियों का कहना है कि बाजारों में पार्किंग की समस्या बनी हुई है. व्यापार महासंघ के उपाध्यक्ष मनीष खुटेटा ने बताया कि पार्किंग की समस्या पूरे परकोटे में है, जिसके जिम्मेदार सभी लोग हैं. स्थानीय निवासी और व्यापारी अपनी सुविधा के अनुसार गाड़ी खड़ी करना चाहते हैं, पार्किंग स्थल तक कोई भी नहीं जाना चाहता. वहीं उन्होंने सरकार से अपेक्षा जताई कि यदि पार्किंग व्यवस्था सुधारनी है तो पार्किंग स्पॉट फिक्स कर कठोर फैसले लेने होंगे. उन्होंने बताया कि कुछ लोग सरकारी पार्किंग स्थलों को तो प्राइवेट पार्किंग की तरह इस्तेमाल करते हैं.

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घर में यदि दो गाड़ी है तो 1 को नियमित इस्तेमाल करते हैं, और एक पूरे समय इन सरकारी पार्किंग स्थलों पर खड़ी रहती है. बाकी इन सरकारी पार्किंग तक कोई ग्राहक जाता नहीं जिसकी वजह से ये खाली रहती हैं. जहां तक अवैध वसूली का मामला है तो उसमें निगम ने ही अलग-अलग बाजारों के हिसाब से अलग-अलग नियम निर्धारित कर रखे हैं. जिसका फायदा पार्किंग ठेकेदार अवैध वसूली कर उठा रहे हैं. यूं तो परकोटे के बाजारों में टू व्हीलर के पहले 3 घंटे के ₹10 और फोर व्हीलर के ₹30 पार्किंग शुल्क तय किया गया है. लेकिन इसमें भी चौड़ा रास्ता में दो पहिया वाहन की निशुल्क पार्किंग है. जबकि जोहरी बाजार में पहले आधे घंटे दो पहिया वाहन की निशुल्क पार्किंग की व्यवस्था है. और फिलहाल टेंडर नहीं होने की वजह से ये व्यवस्था पूरी तरह निशुल्क चल रही है. लेकिन यहां पुराने ठेकेदार मनमानी करते हुए अवैध वसूली कर रहे हैं.

व्यापारियों के लिए फुल कपैसिटी वाली पार्किंग की व्यवस्था: व्यापारियों के लिए रामनिवास बाग पर पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है. जहां आम तौर पर फुल कैपिसिटी रहती है. लेकिन बीते दिनों तैयार की गई चौगान की पार्किंग खाली नजर आई. यहां चार सौ गाड़ियों की पार्किंग की सुविधा के बाद भी सौ से डेढ़ सौ गाड़ियां ही प्रतिदिन लग पाती हैं. जिससे सरकारी पार्किंग स्थल खाली पड़े हैं और बाजारों में खड़ी गाड़ियां ट्रैफिक की परेशानी को भी बढ़ा रही हैं. पार्किंग को लेकर निगम कमिश्नर अवधेश मीणा का कहना है कि व्यापारियों के साथ वार्ता कर इस समस्या का सामधान किया जा रहा है. जल्द पार्किंग की टेंडर प्रक्रिया को पूरा कर दिया जाएगा. नगर निगम हेरिटेज में पार्किंग को लेकर व्यापारियों के एक वर्ग ने पार्किंग शुल्क पर भी विरोध किया था. जबकि टेंडर प्रक्रिया को लेकर भी विवाद गहराया हुआ है.

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