जयपुर. हेरिटेज क्षेत्र में रामनिवास बाग और चौगान स्टेडियम जैसी बड़ी भूमिगत पार्किंग सुविधा होने के बावजूद भी बाजारों में पार्किंग (Parking Issue in Jaipur) को लेकर आए दिन विवाद की स्थिति बन जाती है. इन बाजारों में हेरिटेज निगम पार्किंग की टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाया है. पुराने ठेकेदार यहां लोगों से मनमानी वसूली कर रहे हैं. परकोटे के बाजारों में पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल रही, वहीं सरकारी पार्किंग खाली पड़ी रहती है. आरोप तो ये तक है कि बाजारों और सरकारी पार्किंग में कुछ गाड़ियां स्थानीय लोगों की है, जो यहां परमानेंट खड़ी रहती है.
जयपुर के परकोटा इलाके के बाजार किशनपोल, जौहरी बाजार, चौड़ा रास्ता समेत बाकी बाजारों में पार्किंग का ठेका नहीं दिया जा सका है. ऐसे में हेरिटेज नगर निगम (Heritage Nagar Nigam) की बाजारों के बाहर होने वाली पार्किंग पर साइड इफेक्ट देखने को मिल रहा है. यहां की पार्किंग में स्थानीय निवासी और व्यापारी हर समय अपनी गाड़ियां लगाए रखते हैं. जिससे व्यापार तो प्रभावित होता ही है, साथ ही यहां आने वाले ग्राहकों और टूरिस्ट को पार्किंग की समस्या का सामना करना पड़ता हैं. पहले निगम ने जौहरी बाजार की पार्किंग के लिए तीन घंटे की पार्किंग का टेंडर किया था. लेकिन 79 लाख रुपए की दरें कम होने से मेयर ने आपत्ति जताई. इसके बाद 95 लाख के टेंडर निकाले गए. लेकिन इसमें किसी फर्म ने रुचि ही नहीं दिखाई.
पार्किंग स्पॉट फिक्स करे सरकार: चौड़ा रास्ता, बापू बाजार, नेहरू बाजार की पार्किंग के लिए भी कॉन्ट्रेक्ट की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है. जयपुर व्यापार महासंघ से जुड़े पदाधिकारी और व्यापारियों का कहना है कि बाजारों में पार्किंग की समस्या बनी हुई है. व्यापार महासंघ के उपाध्यक्ष मनीष खुटेटा ने बताया कि पार्किंग की समस्या पूरे परकोटे में है, जिसके जिम्मेदार सभी लोग हैं. स्थानीय निवासी और व्यापारी अपनी सुविधा के अनुसार गाड़ी खड़ी करना चाहते हैं, पार्किंग स्थल तक कोई भी नहीं जाना चाहता. वहीं उन्होंने सरकार से अपेक्षा जताई कि यदि पार्किंग व्यवस्था सुधारनी है तो पार्किंग स्पॉट फिक्स कर कठोर फैसले लेने होंगे. उन्होंने बताया कि कुछ लोग सरकारी पार्किंग स्थलों को तो प्राइवेट पार्किंग की तरह इस्तेमाल करते हैं.