जयपुर. आबादी वाले क्षेत्रों में अक्सर पैंथर घुस आने की खबरें आती रहती है. आखिर पैंथर आबादी वाले क्षेत्रों में क्यों रुख कर रहे हैं. इस मामले पर वन विभाग के अधिकारियों की माने तो पानी और भोजन की तलाश में भटकते हुए पैंथर आबादी वाले क्षेत्रों में आ जाते हैं. शनिवार को जयसिंहपुरा खोर में भी पैंथर का आवागमन देखा गया था. सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने पैंथर की तलाश की लेकिन कहीं पर भी पैंथर नजर नहीं आया.
भोजन की तलाश में आबादी वाले क्षेत्रों में आ जाते है पैंथर हालांकि नींबू के खेत में पैंथर के पैरों के निशान जरूर मिले थे. जिसके आधार पर वन विभाग की टीम पैंथर की तलाश में जुटी हुई है. पैंथर आने की सूचना से इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है. लोग लाठियां डेंडे हाथों में लिए दिन-रात परिवारों की रक्षा कर रहे हैं. वहीं, वन कर्मियों की मानें तो पैंथर वापस जंगल में चला गया है.
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वहीं, राजधानी के स्मृति वन में भी 4 नवंबर को पैंथर का मूवमेंट देखा गया था. जिसके बाद से ही आमजन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने स्मृति वन के गेट बंद कर दिए है. रविवार को 20 दिन से स्मृति वन में लोगों की आवाजाही पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है. जिससे लोग खासा परेशान नजर आ रहे हैं. दरअसल सुबह-सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए भी काफी लोग स्मृति वन में आते है. इसी तरह पिछले दिनों आगरा रोड पर भी पैंथर को देखा गया था. जिसके बाद से वहां पर भी लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है.
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पैंथर के आवागमन के मामले पर वन अधिकारी केसी मीणा का कहना है कि स्मृति वन झालाना के जंगल के बिलकुल नजदीक है. ऐसे में पैंथर को जब भूख लगती है तो वह खाने की तलाश में स्मृति वन की ओर चला जाता है. के सी मीणा का कहना है कि अभी तक इस मामले कोई जनहानी की घटना नहीं आई है.